For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- शिवाला लगा

122 122 122 12

1 तुझे जिसके लहज़े में ताना लगा

मुझे दिल से वो शख़्स सच्चा लगा

 2 ये मत पूछ क्या उसमें अच्छा लगा

 वो मासूम इक ज़िद्दी बच्चा लगा

3 तू सुन शोर पहले मेरे दिल का फिर

 बता क्यों तुझे मैं अकेला लगा

 4 बता वास्ता उससे रक्खूँ भी क्यों

 मुझे आदमी जब वो झूठा लगा

 5 थी कुछ बात या इश्क़ का था सरूर

हरिक चेहरा जो मुझको तेरा लगा

 6 मुहब्बत ही की है गुनह तो नहीं

जो पीछे मेरे यह ज़माना लगा

7 करूँ क्यों न उस प ज़ियाद: यकीं

मुझे जिसका दिल इक शिवाला लगा

8 करूँ भी तो किससे शिकायत करूँ

वजूद अपना ही जब पराया लगा

9 जिसे दोस्त "निर्मल" कहा उम्र भर

मुझे साथी वो दुश्मनों का लगा

जिसे दोस्त "निर्मल" कहा उम्र भर

"वो साथी मुझे दुश्मनों का लगा"

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 10, 2021 at 10:23am

अच्छी ग़ज़ल कही है आदरणीया...बधाई

Comment by Rachna Bhatia on September 1, 2021 at 9:25am

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर भाई, हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद। 

Comment by Rachna Bhatia on September 1, 2021 at 9:24am

आदरणीय समर कबीर सर् नमस्कार। सर्, आपकी इस्लाह के अनुसार पोस्ट में एडिट कर दिया है। एडिट करते ही पोस्ट रिअप्रूवल में चली गई थी। इसलिए जवाब नहीं दे पाई। 

सर् एक बार फिर क़ीमती इस्लाह देने के लिए बेहद शुक्रियः।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 1, 2021 at 6:41am

आ. रचना बहन सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on August 31, 2021 at 9:48pm

फ़ेयर में सुधार के साथ मंच पर भी एडिट करना चाहिए आपको ।

Comment by Rachna Bhatia on August 31, 2021 at 8:41pm

आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए आभार। आपने बहुत अच्छी इस्लाह दी ।फेयर में सुधार कर लेती हूँ।

बेहद शुक्रिय:।

Comment by Samar kabeer on August 31, 2021 at 3:45pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

'मुझे साथी वो दुश्मनों का लगा'

"वो साथी मुझे दुश्मनों का लगा"

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service