For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"

"ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों को ओबीओ की 14वीं सालगिरह मुबारक हो"

ग़ज़ल

212  212  212

इल्म की रौशनी ओबीओ

रूह की ताज़गी ओबीओ  (1)

तुझ से मंसूब करता हूँ मैं

अपनी ये शाइरी ओबीओ  (2)

तेरे बिन है अधूरी बहुत

ये मेरी ज़िंदगी ओबीओ  (3)

मेरा दिल मेरी चाहत है तू

जानते हैं सभी ओबीओ  (4)

चाहने वाले तेरे मिले

हर नगर हर गली ओबीओ  (5)

पेश है जन्म दिन पर तेरे

फिर ग़ज़ल ये मेरी ओबीओ  (6)

साल्हा साल क़ाइम रहे

ये तेरी ताज़गी ओबीओ  (7)

आज कल सख़्त बीमार हूँ

देख हालत मेरी ओबीओ  (8)

तेरे कारण अदब में मुझे

कितनी इज़्ज़त मिली ओबीओ  (9)

उम्र भर तेरी ख़िदमत करूँ

आरज़ू है यही ओबीओ  (10)

साथ मिल कर मनाते हैं सब

जन्म दिन की ख़ुशी ओबीओ  (11)

आई अब तक न कुछ भी कमी

दिलकशी में तेरी ओबीओ  (12)

तेरी ख़ातिर सलामत रहे

मेरी दीवानगी ओबीओ  (13)

है तमन्ना 'समर' की यही

तू जिये इक सदी ओबीओ  (14)

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 119

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर yesterday

आपकी ज़िंदगी ओबीओ 

मेरी भी आशिकी ओबीओ 

इस समर में फले कुछ समर

ऐ समर ये खुशी ओबीओ 

क्या ग़ज़ल आपने है कही

दूं बधाई यही ओबीओ 

Comment by Samar kabeer on April 17, 2024 at 8:05pm

जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन !

आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।

Comment by Chetan Prakash on April 10, 2024 at 9:54am

आदाब,  समर कबीर साहब ! ओ.बी.ओ की सालगिरह पर , आपकी ग़ज़ल-प्रस्तुति, आदरणीय ,  मंच के प्रति समर्पण की उत्कृष्ट बानगी है ! ईश्वर आपको दीर्घायुे प्रदान करे ! और,   ओ.बी.ओ  आपकी सरपरस्ती में ओ.बी.ओ निरन्तर ऊंचाइयाँ छूता रहे ! सादर साभार  !

Comment by Samar kabeer on April 7, 2024 at 3:20pm

बहुत शुक्रिय: भाई सुशील सरना जी ।

Comment by Sushil Sarna on April 6, 2024 at 3:25pm
ओ बी ओ की सालगिरह पर बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर । हार्दिक बधाई । हमारी तरफ से भी इस सालगिरह पर हार्दिक बधाई आदरणीय जी
Comment by Samar kabeer on April 5, 2024 at 7:19pm

बहुत शुक्रिय: जनाब अमीरुद्दीन साहिब ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 4, 2024 at 5:22pm

मुहतरम समर कबीर साहिब आदाब, इस शानदार मुबारकबाद के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया, उम्दा ग़ज़ल हुई है, बहुत शुक्रिया और मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।

Comment by Samar kabeer on April 4, 2024 at 4:36pm

बहुत शुक्रिय: जनाब अशोक रक्ताले जी ।

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 4, 2024 at 11:25am

  आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, बहुत ही उम्दा बधाई दी है आपने ओबीओ की सालगिरह पर. इस उत्तम प्रस्तुति के लिए ओबीओ के साथ ही आपको भी हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Samar kabeer on April 3, 2024 at 7:29pm

बहुत शुक्रिया प्रिय अज़ी तमाम ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आ. भाई आजी तमाम जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service