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रच देंगे इतिहास

नहीं करते बात
आसमां छूने की
वो तो है सितारों का
जमीं पर रच देंगे इतिहास
क्‍योंकि जमीं है हमारी
अभी तो शुरू हुआ है
सफर हमारा
और भी है मुकाम
मिलकर चलेंगे
साथ सफर पर
क्‍योंकि
मंजिले करती है
इंतजार हमारा.
भरोसा है अपने पर
मिलेगा साथ आपका ..

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Comment

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Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 13, 2012 at 11:20am

सुन्दर जज्बे से भरी रचना के लिए साधुवाद आदरणीय हरीश जी

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 11:09am

//मिलकर चलेंगे
साथ सफर पर
क्‍योंकि
मंजिले करती है
इंतजार हमारा.
भरोसा है अपने पर
मिलेगा साथ आपका ..//

बहुत अच्छी भावना है ......सुंदर रचना के लिए हार्दिक  बधाई स्वीकारें हरीश जी .....

Comment by deepti sharma on July 12, 2012 at 10:44pm

बहुत ही सुंदर रचना बधाई आपको

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 12, 2012 at 10:15pm

जमीं पर रच देंगे इतिहास
क्‍योंकि जमीं है हमारी
अभी तो शुरू हुआ है
सफर हमारा
और भी है मुकाम
मिलकर चलेंगे
साथ सफर पर

आदरणीय हरीश जी सुन्दर सन्देश देती रचना ...क्यों नहीं सब मिल देंगे साथ ...अपनी माटी ...खुशबू देती ..आइये रच दें जमीन पर इतिहास ...बधाई 

भ्रमर ५  ..

 

Comment by Rekha Joshi on July 12, 2012 at 8:56pm

हरीश जी 

क्‍योंकि
मंजिले करती है
इंतजार हमारा.
भरोसा है अपने पर
मिलेगा साथ आपका ..,बहुत बढ़िया ,जोश से इस रचना पर हार्दिक बधाई 
Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 2:55pm

वाह वाह हरीश भट्ट जी.......
कमाल कर दिया
क्‍योंकि
मंजिले करती है
इंतजार हमारा.
___इस उत्साह  और जोश को सलाम !

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