For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक २२ (Now closed with 1165 Replies)

आदरणीय साहित्य प्रेमियों

सादर वन्दे,

"ओबीओ लाईव महा उत्सव" के २२ वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है. पिछले २१ कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने २१  विभिन्न विषयों पर बड़े जोशो खरोश के साथ और बढ़ चढ़ कर कलम आजमाई की, जैसा कि आप सब को ज्ञात ही है कि दरअसल यह आयोजन रचनाकारों के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है, इस आयोजन पर एक कोई विषय या शब्द देकर रचनाकारों को उस पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक २२      

विषय - "चाँद"

आयोजन की अवधि- ८ अगस्त २०१२ बुधवार से १० अगस्त २०१२ शुक्रवार तक  

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपनी कल्पना को हकीकत का रूप, बात बेशक छोटी हो लेकिन घाव गंभीर करने वाली हो तो बात का लुत्फ़ दोबाला हो जाए. महा उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है |


उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है: -

  1. तुकांत कविता
  2. अतुकांत आधुनिक कविता
  3. हास्य कविता
  4. गीत-नवगीत
  5. ग़ज़ल
  6. हाइकु
  7. व्यंग्य काव्य
  8. मुक्तक
  9. छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि) 

 

 

अति आवश्यक सूचना :- "OBO लाइव महा उत्सव" अंक- २२ में सदस्यगण  आयोजन अवधि में अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ  ही प्रस्तुत कर सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा गैर स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा, यह अधिकार प्रबंधन सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो बुधवार ८ जुलाई लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तोwww.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign up कर लें |

"महा उत्सव"  के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...

"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

मंच संचालक

धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)

(सदस्य कार्यकारिणी)

ओपन बुक्स ऑनलाइन  

Views: 17915

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

दिल से आभार अनुज संजय भाई. 

छन्न पकैया छन्न पकैया, भाये नहीं गुलामी

तभी तो चंदा मामा अब तक,लाया न है मामी  (३) 

छन्न पकैया छन्न पकैया, कैसा अजब नतीजा,
बापू मेरा तो लगता है, चन्द्रमा का जीजा. (४) 

छन्न पकैया छन्न पकैया, फिर न हुआ सवेरा 
जिस दिन सीमा पर डूबा था, घर का चंदा मेरा (११)

सभी छन् पकैया एक से बढ़कर एक हैं कई बार पढ़ी पर ये तीनो तो कमाल हैं अंतिम तो जबरदस्त जबरदस्त जबरदस्त है 

तह-ए-दिल से आपका शुक्रिया राजेश कुमारी जी. 

//छन्न पकैया छन्न पकैया, फिरता रहे आवारा 
आज समझ में आया मेरे, काहे चाँद कुँवारा (२)

छन्न पकैया छन्न पकैया, भाये नहीं गुलामी

तभी तो चंदा मामा अब तक,लाया न है मामी  (३) //

छन्न पकैया छन्न पकैया, अपने योगी आये 

संग चाँदनी ले पहलू में चन्दा भी मुस्काए..

छन्न पकैया छन्न पकैया, सुन्दर छन्द कहे हैं

दाद दे रहे हम सब दिल से दिल के भाव बहे हैं

सादर धन्यवाद आदरणीय अम्बरीश भाई जी, आप जैसे विद्वान् की शाबाशी से मेरा श्रम आर्थक हुआ. 

बहुत बढ़िया छन्न पकैया आदरणीय सर...

पहली बार छन्न पकैया मैंने ओबीओ पर ही सुनी, वो भी आपकी छन्न के ऊपर बिंदी, भाषाओँ की पटरानी है, मेरी भाषा हिंदी...वाली.

ये भी अपने आप में एक अद्भुत, बहुत प्यारी विधा है... हास्य से लेकर संजीदगी को बाखूबी सहजता से बयान किया है आपने उपरोक्त छन्न पकैया में.

छन्न पकैया छन्न पकैया, भाये नहीं गुलामी

तभी तो चंदा मामा अब तक,लाया न है मामी...... ये तो नयी राज की बात पता चली ..

छन्न पकैया छन्न पकैया, फिर न हुआ सवेरा
जिस दिन सीमा पर डूबा था, घर का चंदा मेरा...... बहुत सुन्दर बात

हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय प्रधान संपादक महोदय. सादर.

दिल से आपका शुक्रिया डॉ प्राची जी. 

आदरणीय योगराजभाईसाहब, अद्भुत शब्द-संयोजन और सुन्दर छंद रचना प हृदय का आह्लाद संप्रषित है.

छन्न पकैया छन्न पकैया, कैसा अजब नतीजा,
बापू मेरा तो लगता है, चन्द्रमा का जीजा. (४) ... .    वाह श्रीमान जी. इस तरह से तो हमने सोचा ही नहीं था जबकि मामा-मामा छुटपन से करते चले आ रहे हैं.. !!! ..

छन्न पकैया छन्न पकैया, निकला बड़ा निकम्मा
चाँद छोड़ कर कहाँ गई है, चरखे वाली अम्मा (६)

बहुत कोमल पंक्तियाँ हैं .. .

सादर बधाइयाँ आदरणीय .

 

आपकी इस सद्शयता एवं गुणग्राहकता हेतु सादर धन्यवाद मान्यवर. आपकी शाबाशी मेरा संबल है, सादर.

हुज़ूर हम खुद तो भांजा बन कर आनंद लूटते रहे सारी उम्र, लेकिन बापू जी के बाबत भी तो सोचना बनता था न ? . :))))

 

//हुज़ूर हम खुद तो भांजा बन कर आनंद लूटते रहे सारी उम्र, लेकिन बापू जी के बाबत भी तो सोचना बनता था न ?//

सही कहा गुरुदेव ..  :-))))

हा हा हा हा...............

वाह वाह क्या बात है आदरणीय योगराज जी

आपने चाँद के बृहद रूपों का सुन्दर सजीला चित्रण छन्न पकैय्या के

माध्यम से किया बहुत ही बहेतरीन है

हर एक लाईन पे वाह वाह है

बहुत बहुत बधाई

छन्न पकैया छन्न पकैया,बातें अच्छी अच्छी

योगराज जी खिला रहे हैं छन्न पकैया लच्छी |

छन्न पकैया छन्न पकैया , रिश्तेदारी खासी

इक रिश्ते में अम्मी भी तो भैया हुई नवासी |

छन्न पकैया छन्न पकैया,जोड़ो रिश्ते नाते

दस पन्ने टिपियाने बाकी,क्षमा करें हम जाते ||

 

बेहतरीन छन्न पकैया, साधुवाद.................

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
5 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service