For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 सन्दर्भ :-रेल बजट 
-लक्ष्मण लडीवाला 
 
पवन एक्सप्रेस आ गई, लेकर के सौगात,
उम्मीदे हजार बढ़ी,  सुविधाओं की बात । 

 

सुनहरे स्वप्न  दिखाये, खूब जमायी थाप, 
जेब कटेगी रेल में,  जन जन को  संताप।
 
झुनझुना थमा हाथ में, मन मोहे सरकार,
देश पटरी पर  आवे,   फिर से दो सरकार। 
 
टिकट कटा यात्रा करे, रद्द करे नहि आप,
रद्द करे सचेत रहे , महँगाई   का  श्राप । 
 
टिकट संग पर्ची मिले, वैष्णो देवी जाय ,
टिकट कटा तीरथ करे,मन में भाव सजाय।
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला  

Views: 568

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 2, 2013 at 11:39am

हार्दिक आभार स्वीकारे श्री योगी सारस्वत जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 2, 2013 at 11:37am

प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार श्री अभिनव अरुण जी 

Comment by Yogi Saraswat on March 2, 2013 at 11:37am
पवन एक्सप्रेस आ गई, लेकर के सौगात,
उम्मीदे हजार बढ़ी,  सुविधाओं की बात । 

 

सुनहरे स्वप्न  दिखाये, खूब जमायी थाप, 
जेब कटेगी रेल में,  जन जन को  संताप।
badhiya , samsamayik
Comment by Abhinav Arun on March 1, 2013 at 10:09pm

     

क्या कहने इस सामयिकता के लिए हार्दिक बधाई श्री लक्ष्मण जी  !!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2013 at 10:06pm

हार्दिक आभार स्वीकारे श्री सलीम रजा भाई 

Comment by SALIM RAZA REWA on March 1, 2013 at 9:58pm

पवन एक्सप्रेस आ गई, लेकर के सौगातvaaaah ....laxman prasad ji rel bazaat meN bahut badiaa aapne likha hai badhai...

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2013 at 5:13pm
ध्यान दिलाने के लिए हार्दिक आभार डॉ प्राची जी, इन्हें पोस्ट करने हेत सेव करने के बाद संशोधित करे का ध्यान आया देखे -
सुनहरे स्वप्न दिखाकर, खूब जमायी थाप, 
जेब कटेगी रेल में,  जन जन को  संताप।
झुनझुना थमा हाथ में, मन मोहे सरकार,
देश दौड़े पटरी पर,   फिर से दो सरकार। 
-
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2013 at 5:06pm

हार्दिक आभार और दोहे पर सुन्दर दोहे के लिए बधाई श्री रविकर जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2013 at 4:01pm

आदरणीय लक्ष्मण जी,

विषम चरण के अंत में शिल्प का पालन आपने इस बार भी कुछ जगह नहीं किया है...

कृपया एक बार पुनः जांच लें 

सादर.

Comment by रविकर on March 1, 2013 at 3:48pm

आभार आदरणीय अग्रज-

वारी जाऊं रेल पर, जय भारत की रेल |
कहीं चली छुक छुक करत, कहीं एक्सप्रेस मेल |
कहीं एक्सप्रेस मेल, पहुँचती नहीं समय पर |
हों रस्ते भर खेल, सफ़र नित करे हमसफ़र |
यात्री है हलकान, मुसीबत सब पर भारी |
मंहगाई ही बनी, सही में रेल सवारी ||

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service