साथियो,
दिनांक 01 अप्रैल 2013 को ओबीओ ने अपना तृतीय स्थापना दिवस मनाया | कई सदस्यों की ओर से यह विचार आया कि ओबीओ परिवार के इच्छुक सदस्य किसी एक स्थान पर एकत्र हो जहाँ अंतर्जाल से निकल कर प्रत्यक्ष मिल सकने का संयोग बन सके । एक दूसरे को व्यक्तिगत तौर पर समझने का यह एक सुनहरी मौका होगा । इस विन्दु पर प्रबंधन के सदस्यों ने निर्णय लिया कि यदि सदस्य गण अपनी सहमति दे दें तो एक कार्यक्रम तय किया जाय ।
प्रस्ताव निम्नानुसार है --
कार्यक्रम का नाम :- "ओबीओ विचार गोष्ठी सह कवि-सम्मलेन एवं मुशायरा"
दिनांक :- 15 जून 2013 दिन शनिवार
सुबह 9 बजे से 11 बजे तक - नामांकन, अल्पाहार एवं चाय, सदस्य मिलन सह परिचय,
11 बजे से 1 बजे तक - विचार गोष्ठी, (विषय - साहित्य में अंतर्जाल का योगदान )
1 बजे से 2 बजे तक - मध्याह्न भोजन
2 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक - कवि सम्मेलन एवं मुशायरा
स्थान - हल्द्वानी (नैनीताल से लगभग 32 किमी)
कार्यक्रम स्थल - व्यवस्थित सूचना सदस्यों की सहमति के उपरान्त कुल कार्यक्रम की रुपरेखा तय करने के पश्चात घोषित की जायेगी ।
सदस्यों को ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था ओबीओ द्वारा की जाएगी ।
यात्रा व्यय आदि सदस्यों को स्वयं वहन करना होगा ।
जो सदस्य इस कार्यक्रम में सम्मलित होना चाहते हैं वे कृपया अपनी सहमति दे दें ।
यह कार्यक्रम का प्राथमिक प्रस्ताव है, आपकी सहमति के अनुसार ही कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जायेगा । यदि आप प्रस्तावित कार्यक्रम के सम्बन्ध में कोई सुझाव देना चाहते हैं या जानकारी चाहते हैं तो आपका स्वागत है । आप अपना सुझाव या प्रश्न नीचे बने टिप्पणी बॉक्स में लिखें, आप फ़ोन भी कर सकतें हैं ।
संपर्क सूत्र :
गणेश जी बागी, मोO - 09431288405
सौरभ पाण्डेय, मोO - 09919889911
सादर,
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार
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उत्तम बिचार. कार्यक्रम की सफलता के लिये शुभकामनायें.
आयोजन ऐतिहासिक होगा , यकीन है , ओ बी ओ के जन जुटेंगे रूबरू , व्यक्तित्व के कई रोचक पहलू सामने आयेंगे हल्द्वानी की मनोरम वादियों में इस अनूठे आयोजन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं समस्त टीम और साथियों को !!
बेहद सुन्दर एवं सराहनीय कदम है मेरी शुभकामनाएँ स्वीकारें
मन में इस गोष्ठी में न पहुच पाने का मलाल सदैव रहेगा और साथ ही इंतज़ार रहेगा आगामी अवसर का
सभी सदस्यों को मेरी शुभकामनाएँ
सादर
अनुराग सिंह"ऋषी"
कार्यक्रम की सफलता के लिये शुभकामनायें. //अत्यधिक व्यस्तता के कारण मेरा आना संभव नहीं है !
बहुत कष्ट हो रहा है ना आ पाने के लिए !!
आदरणीय भाई,
मैँ इस आयोजन के बारे मेँ अभी जान पाया हूँ. आयोजन अति सार्थक है और इससे अपसी सम्वाद और मिलने- जुलने का एक सुनहरा अवसर रहेगा. हम ज़ाल जगत मेँ मिलते रहते हैँ, लेकिन जब आमने- सामने सम्वाद- विमर्श व सुनना- सुनाना साथ रह कर होता है, तो उससे सम्बन्धोँ मेँ दूरगामी और सकरात्मक नतीज़े आते हैँ. उन्हीँ दिनोँ अन्य आयोजनोँ मेँ व्यस्ततावश आना सम्भव नहीँ होगा. इसका खेद रहेगा, लेकिन मेरी अग्रिम बधाई- आयोजन की सफलता हेतु स्वीकार करेँ.
सादर,
डा. रघुनाथ मिश्र.
आदरणीय ,मैं एक बार फिर से अपनी सहमति दे रहा हूँ . ग्वालियर से आपके बीच आ रहा हूँ .मेरा रिज़र्वेशन हो गया है.
आवश्यक सूचना:-
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2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
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