For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पोखर छल छल जल भरे ,धुले धुले मैदान|

काई ने पहना दिए , हरित नवल परिधान||

धरती अंतर में छुपा,दादुर जीव विचित्र|  

नव चौमासे ने कहा ,बाहर आजा मित्र|| 

मुक्तक फूटें  मेघ से ,टपर टपर टपकाय |    

प्यासा चातक चुन रहा,चरुवा भरता जाय|| 

 

नित नवल प्राकृतिक सृजन ,मिले जो रश्मि पात|

रेशा रेशा झूमता , हँसते निशा  प्रभात || 

चटक चम्पई चांदनी,उजली उजली भोर|

कुसुमागम की थाप पर,नाचे मन का मोर||

जड़ चेतन सब ने किया ,सावन का सम्मान|

देखो जीवन पा रहे , खेतों में अब धान||

**********************************************

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 612

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 2, 2013 at 3:11pm

चटक चम्पई चांदनी,उजली उजली भोर|

कुसुमागम की थाप पर,नाचे मन का मोर||

इस दोहे का संदर्भ ले अन्य के प्रति भी अतिशय बधाइयाँ कह रहा हूँ.  सादर 

Comment by राजेश 'मृदु' on July 30, 2013 at 2:42pm

बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदरेया, हार्दिक बधाई

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 30, 2013 at 11:25am

वाह आदरणीया वाह बहुत ही सुन्दर मनोहारी दोहावली प्रस्तुत की है आपने पढ़कर मन झूम उठा ह्रदय से बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2013 at 9:43am

जीतेन्द्र जी प्रस्तुति पर आपकी प्रतिक्रिया उत्साहित कर रही है हार्दिक आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 27, 2013 at 8:56am

"चटक चम्पई चांदनी,उजली उजली भोर|

कुसुमागम की थाप पर,नाचे मन का मोर||"..........आदरणीय राजेश कुमारी जी, बहुत ही खुबसूरत शब्दों से वर्षा ऋतू  का चित्रण, बहुत बहुत बधाई...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 26, 2013 at 8:57pm

प्रिय रामशिरोमणि पाठक जी आपको दोहावली पसंद आई हृदय से आभारी हूँ  |

Comment by ram shiromani pathak on July 26, 2013 at 8:44pm

वाह आदरणीया  बहुत ही सुन्दर दोहे है //हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 26, 2013 at 7:56pm

प्रिय सरिता जी आपको दोहावली पसंद आई दिल से आभारी हूँ |

Comment by Sarita Bhatia on July 26, 2013 at 7:46pm

वाह दी लाजवाब दोहावली प्रकृति चित्रण की ,बधाई स्वीकारें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 26, 2013 at 7:25pm

आदरणीया कल्पना रमानी जी  आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया पाकर प्रस्तुति धन्य हुई सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service