For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुस्तक समीक्षा ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी जी द्वारा ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर (‘सज्जन’ धर्मेन्द्र)

अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद के साहित्य सुलभ संस्करण की आठ काव्य पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर दिनांक 22 फ़रवरी, 2014 को मुख्य अतिथि की आसंदी से ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी (भोपाल) का वक्तव्य और पुस्तक समीक्षा

 

डॉ अख़्तर नज़्मी का एक शे’र है

 

बात करती हैं किताबें,

पढ़ने वाला कौन है।

 

न पढ़ने के कारणों पर जब डॉ. नज़्मी से चर्चा हो रही थी तो शायर ने साहित्य की पुस्तकें मँहगी होने को भी एक कारण गिनाया था।

 

बड़े प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह या कहानी की पुस्तक का मुल्य 400-500 रूपए से कम नहीं होता। ऐसे में साहित्य का सच्चा पाठक भी दस बार सोचता है। कई बार वह पुस्तक के अधिक मूल्य के कारण मन मसोस कर रह जाता है।

 

ऐसे बाजारवादी समय में, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद की 112 पृष्ठों की कविता की पुस्तक 20 रूपए में उपलब्ध होना मरुस्थल में शीतल झरने की तरह है। वीनस केसरी के इस प्रयास की जितनी भी सराहना की जाय, उतनी कम है। साहित्य सुलभ संस्करण की 8 पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर मैं उनको ढेरों बधाइयाँ देता हूँ और विमोचित पुस्तकों पर चर्चा शुरू करता हूँ।

-------

34 वर्षीय युवा ग़ज़लगो ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र का ग़ज़ल संग्रह ‘ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर’ भी पर्याप्त ध्यानाकर्षण करता है। ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की ग़ज़ल यात्रा कोई बहुत लंबी नहीं है, इस संग्रह की ग़ज़लें वर्ष 2011 से वर्ष 2013 के बीच कही गई हैं। ग़ज़लों में भी परोक्ष रूप से उनके रोल मॉडल ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार और अदम गोंडवी हैं। उनके अनेक शे’र पढ़ते हुए अनायास अदम गोंडवी की याद आती है। जैसे

 

प्रियदर्शिनी करें तो उन्हें राजपाट दें,

रधिया करे निकाह तो दंगा कराइए।

 

गरीबों के लहू से जो महल अपने बनाता है

वही इस देश में मज़लूम लोगों का विधाता है।

ये मेरे देश की संसद या कोई घर है शीशे का,

जो बच्चों के भी पत्थर मारते ही टूट जाता है।

 

लेकिन ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र को इस कोण से देखना भर उनके ग़ज़लगो के साथ अन्याय होगा। जब वे अपनी शैली में शेरों को निकालते हैं तो चकित करते हैं। मसलन

 

सभी नदियों को पीने का यही अंजाम होता है,

समंदर तृप्ति देने में सदा नाकाम होता है।

 

नूर सूरज से छीन लेता है,

पेड़ यूँ ही हरा नहीं होता।

 

अंधविश्वास,  अशिक्षा यही घर घुसरापन,

है गरीबी इन्हीं पापों की सजा मान भी जा।

 

‘अपनी बात’ के अंतर्गत ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र एक बड़ी मार्के की बात कहते हैं - जब तक ग़ज़ल का पदार्पण हिन्दी भाषा में हुआ, तब तक हिन्दी की ज्यादातर कविता छंदमुक्त हो चुकी थी। दुष्यंत ने उसी छंदमुक्त और मुक्त-छंद कविता के कोलाहल में ‘साए में धूप’ की अंदर तक छू जाने वाली ग़ज़लों के बिरवे रोपे, जो कालान्तर में हिन्दी ग़ज़लकारों की मुस्तैद पीढ़ियों द्वारा खाद-पानी देने से कद्दावर वृक्षों में तब्दील हुए।

 

‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की ग़ज़लों में नव्यता बोध के आग्रह के साथ भाव बोध और अनुभूतियों का एक ऐसा समन्वय है, जो शेरों के अर्थ को एक बड़े विस्तार में ध्वनित करता है।

 

धर्मेन्द्र के यहाँ वज़्न और बह्र की कुछ एक ख़ामियाँ दिखाई पड़ती हैं। उनको तीन वर्ष पुराने ग़ज़लगो होने के नाते नज़रअंदाज करते हुए, मैं उन्हें केवल एक ही सलाह देना चाहूँगा कि वे दुष्यंत और अदम की परंपरा एवं सोच से आगे निकलें।

 

Views: 610

Replies to This Discussion

ग़ज़ल की नई विधा के पुरोधा आदरणीय ज़हीर क़ुरेशी द्वारा आदरणीय सज्जन धर्मेन्द्र के बारे में यह कहा जाना कि, ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की ग़ज़लों में नव्यता बोध के आग्रह के साथ भाव बोध और अनुभूतियों का एक ऐसा समन्वय है, जो शेरों के अर्थ को एक बड़े विस्तार में ध्वनित करता है, कई मायनों में अर्थवान है. आदरणीय ज़हीर साहब द्वारा अभिव्यक्त उद्गार के सापेक्ष ’ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर’विशेष उम्मीद जगाती है.
आदरणीय सज्जन धर्मेन्द्रजी को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ.

बहुत बहुत धन्यवाद सौरभ जी, स्नेह बना रहे

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
10 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
10 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं, आपकी सदाशयता भी हमसभी के लिए अनुकरणीय…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार , सलाह के अनुसार सुधार के लिए  प्रयास…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु भाई , आपने सही पहचाना , आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानूंगा आदरणीय। यह…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत भाई , शारीरिक परेशानियों के चलते बहुत समय तक मंच से दूर रहा हूँ , अब फिर से प्रयास…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service