For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दो घनाक्षरी --- प्यारी गुड़िया के लिए

[1] 

रूप मनभावन है मंद मंद मुस्कराये

नन्हें नन्हें पाँव लिए दौड़ी चली आती है

बार बार सहलाती अपने कपोल वह

छोटी छोटी गोल गोल आँखें मटकाती है

अम्मा पहना के जब पायल संवारती हैं

दौड़ती तो झनक झनक झंझनाती है

कायल है दादा दादी नाना नानी सभी अब

ठुमक ठुमक कर खूब इतराती है ॥ 

[2] 

दादी अम्मा भोजन कराएं तो सताती वह

आगे आगे भागे पीछे अम्मा को छकाती है

कापी छीन लेती लेखनी वो तोड़ देती भाई

को है वो सताती और पापा को पकाती है

दीदी को तो अपनी सहेली मान बतियाती

ठुमक ठुमक दिन रात वो नचाती है

आंचल पकड़ माँ को खूब दुलराती नित्य

रच के कहानियाँ नई नई सुनाती है ॥

अन्नपूर्णा बाजपेई 

अप्रकाशित मौलिक 

Views: 929

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 2, 2014 at 2:10am

गेयता पर मैं क्या कहूँ, आपके प्रयास पर साधुवाद कह रहा हूँ.

सतत रहें आदरणीया.. .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 1, 2014 at 7:47am

मधुर-मधुर सुन्दर घनाक्षरी आ० अन्नपूर्णा जी 

हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 23, 2014 at 8:32pm

आदरणीय अन्नपूरणा जी , सुन्दर छंद रचना के लिये आपको हार्दिक बधाई !!

Comment by Alka Gupta on April 23, 2014 at 7:01pm

वाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 23, 2014 at 2:29pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी सादर, सुन्दर मनभावन घनाक्षरी रची हैं. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें.

कापी छीन लेती लेखनी वो तोड़ देती भाई,...."को है वो सताती और पापा को पकाती है...... ठीक नहीं लग रहा है गाकर देख लें.

Comment by Mukesh Verma "Chiragh" on April 23, 2014 at 1:11pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी
बहुत सुंदर लिखा है आपने ..पढ़ कर बहुत अच्छा लगा
इस विधा के बारे मे अंजान हूँ.. पर आपके कौशल का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं मेरे लिए.
बहुत मुबारक हो

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 23, 2014 at 12:17pm

ओह्ह माफ़ कीजियेगा आदरणीया गिनती वर्ण की ही की न जाने कैसे मात्रा लिख गया यही होता है जब ऑफिस में काम के साथ साथ रचनाओं पर टिपण्णी होती है. पुनः क्षमाप्रार्थी हूँ

Comment by annapurna bajpai on April 23, 2014 at 12:16pm

आ0 जितेंद्र जी , आ0 नीरज 'नीर' जी रचना pasand करने के लिए आपका हार्दिक आभार । 

Comment by annapurna bajpai on April 23, 2014 at 12:12pm

प्रिय अरुण घनक्षरी पसंद करने के लिए हार्दिक आभार ।  एक बात स्पष्ट करना चहुंगी वो ये कि घनाक्षरी वार्णिक छंद है , मात्रिक नहीं और घनाक्षरी मे आधा अक्षर नहीं गिना जाता । इस लिहाज से दूसरी पंक्ति मे 15 वर्ण है । आप गिने पुनः । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 23, 2014 at 11:55am

आदरणीया अन्नपूर्णा जी सर्वप्रथम छंद पर प्रयास करने हेतु हृदयतल से हार्दिक बधाई स्वीकारें. आपने घनाक्षरी पर बहुत ही श्रम किया है प्रथम छंद तो बहुत ही सुन्दर बन पड़ा है द्वतीय छंद में प्रवाह बाधित लग रहा है एवं द्वतीय पंक्ति में एक मात्रा अधिक है जाँच लें, बहरहाल इस सुन्दर प्रयास पर बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service