For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल - "एक तरफा प्यार की ये बेबसी मत पूछिये"

2122 2122 2122 212

एक तरफा प्यार की ये बेबसी मत पूछिये ।
रात दिन रहती है कैसी बेखुदी मत पूछिये ।

अब खुशी का साथ छूटे एक अरसा हो गया ,
किस कदर गम से हुयी है दोस्ती मत पूछिये ।

बोलती आँखेँ हैँ मेरी और लब खामोश हैँ ,
किस तरह आवाज दिल की है दबी मत पूछिये ।

लाख रोयेँ लाख तडपेँ पर भला किस से कहेँ ,
वो दिखायेँ हमको कैसी बेरुखी मत पूछिये ।

वाह वाही कीजिये गर दिल छुये मेरी गज़ल ,
कैसे हम करने लगे हैँ शायरी मत पूछिये ।

मौलिक व अप्रकाशित
नीरज मिश्रा

Views: 1754

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Nishchal on December 2, 2014 at 11:03am
बहुत बहुत शुक्रिया मिथिलेश जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 2, 2014 at 1:36am
बहुत अच्छी ग़ज़ल बन गई है। बधाई हो आपको।
Comment by Neeraj Nishchal on December 1, 2014 at 11:39am
शुक्रिया गोपाल नारायण जी
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 1, 2014 at 10:12am

नीरज जी

बहुत  सुन्दर i

Comment by Neeraj Nishchal on November 30, 2014 at 8:43pm
शुक्रिया राहुल जी
Comment by Rahul Dangi Panchal on November 30, 2014 at 4:58pm
वाह! बहुत सुन्दर भाव है
Comment by Neeraj Nishchal on November 30, 2014 at 9:39am
आदरणीय उमेश जी बहुत बहुत आभार
Comment by umesh katara on November 30, 2014 at 9:20am

सुन्दर ग़ज़ल वाहहहहहहह

Comment by Neeraj Nishchal on November 29, 2014 at 6:13pm
बहुत बहुत धन्यवाद राम शिरोमिणि पाठक जी ।
Comment by ram shiromani pathak on November 29, 2014 at 3:19pm

वाह वाह नीरज भाई दिल खुश कर दिया आपने ///बहुत बहुत बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service