For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ पर्याय (दोहें) - लक्ष्मण रामानुज

विद्वजनों के योग से,सफल हुआ यह काज,
पाँच वर्ष के काल में, खूब सजाया साज |
 
रसिक मंच से जुड़ सके, करें कौन पाबन्द
दूर देश से जुड़ रहें,  देख  यहाँ  आनंद |  
 
छंदों को यूँ खोजकर, देते सबको ज्ञान,
मान धरोहर देश की,  लाते सबके ध्यान |
 
ह्रदय भाव से आ मिले, इक दूजे के संग,
होली से माहौल में, खिले प्रीत के रंग |
 
पाँच वर्ष की साधना, ओ बी ओ पर्याय,
कृपा करे माँ शारदा, सब पर रहे सहाय |
.
(मौलिक अ अप्रकाशित)

Views: 716

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2015 at 10:55am

ओबीओ के 5 वर्ष होने पर मन में आयें भावों पर रचे दोहें सराहने के लिए हार्दिक आभार श्री सुरेद्न्र कुमार शुक्ल  भ्रमर जी 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 30, 2015 at 4:48pm
ह्रदय भाव से आ मिले, इक दूजे के संग,
होली से माहौल में, खिले प्रीत के रंग |
ओ बी ओ का मान बढाती और सब को गले लगाती अच्छी प्रेरक रचना
भ्रमर ५
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 4, 2015 at 5:29pm

नमस्ते समर कबीर साहब | दोहे सराहने  के  लिए शुक्रिया सहित ओबीओ वर्षगाँठ पर पेश की गई  आपकी उम्दा गजल के लिए बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 4, 2015 at 5:26pm

शुभ्कनाओं  सहित हार्दिक आभार आपका श्री श्याम नारायण वर्मा  जी | सादर 

Comment by Samar kabeer on April 3, 2015 at 3:03pm
जनाब लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी,आदाब,अच्छे दोहे हुए हैं भाई,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं |
Comment by Shyam Narain Verma on April 3, 2015 at 12:17pm
सुंदर दोहों की बधाई, पूरे मन से ॥
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 3, 2015 at 10:35am

ओबीओ की पांचवी  वर्षगाँठ की  हार्दिक  बधाई के साथ इस इस उपलक्ष में रचित पाँच दोहें सराहने के लिए आपका हृदयतल से हार्दिक  आभार श्री शुशील सरना जी और  श्री विजय शंकर जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 3, 2015 at 10:33am

ओबीओ के सफलतापूर्वक पाँच वर्ष पूर्ण होने की की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ही दोहे सराहने के लिए आपका हार्दिक  आभार आद. डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी, श्री श्याम मठपाल जी और  श्री  सुशिल सरना जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 3, 2015 at 10:29am

ओबीओ के  पाँच वर्ष पूर्ण होने पर आपकों हार्दिक  बधाई एवं दोहें पसंद करने के लिए हार्दिक आभार श्री कृष्णा मिश्रा "जान" गोरखपुरी जी, श्री मिथिलेश  वामनकर जी, और श्री गिरिराज भंडारी जी | सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 10:43pm
रोचक, आदरणीय लक्षमण रामानुज लडीवाला जी , बधाई , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service