For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटियाँ कभी उदास नहीं होतीं !!


वो तो होती हैं-

सृष्टि की अद्भुत कल्पना 

आनंददायक भावना।
वो रहती हैं-

आँगन की हवाओं में

पिता की दुआओं में ।
तभी तो खिल जाती है 
एक स्नेहिल मुस्कान 

हर लेती जो कितनी थकान।

बांटती है हमेशा-

खुशियों की सत्त्व-दीप्ति

मधुर जीवन संस्कृति।

वैसी कोई दूजी सुवास नहीं होती ।

क्योकिं बेटियाँ कभी उदास नहीं होतीं !!


वो तो दूर करती हैं-

उदासी, दोनों ही घरों की 

बनाती है जीवन इन्द्रधनुषी।
बेटियाँ हर लेती हैं- 
पीड़ा, संतप्त मन की 

घर की, आँगन की। 
और देती हैं हमें एक -
अलौकिक आनंद की अनुभूति

जैसे बनकर कोई सुधा-सूति।
वही तो होतीं हैं,

जब माँ पास नहीं होतीं ।
क्योकिं बेटियाँ कभी उदास नहीं होतीं !!

मौलिक एवम अप्रकाशित 

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on July 16, 2015 at 11:51pm

रचना को सराहने का बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ।

Comment by विनय कुमार on July 16, 2015 at 11:50pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय आमोद बिंदौरी जी ।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on July 16, 2015 at 11:32pm
वाह.....

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 16, 2015 at 11:26pm

इस भावमय रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय ..

Comment by विनय कुमार on July 12, 2015 at 9:59pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री सुनील जी ..

Comment by shree suneel on July 12, 2015 at 9:07am
अच्छी. . ख़ूबसूरत प्रस्तुति के लिए आपको बधाइयाँ आदरणीय विनय कुमार सिंह जी.
Comment by विनय कुमार on July 8, 2015 at 11:04pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी , बिलकुल सच है , एक उम्र के बाद वो माँ का स्थान ले लेती हैं..

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 8, 2015 at 11:00pm

बेटियों के प्रति आपके उदगार प्रशंसनीय है बेटियां होती हैं ऐसी 

वही तो होतीं हैं,

जब माँ पास नहीं होतीं ।

वाह!

Comment by विनय कुमार on July 8, 2015 at 8:05pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सुनील प्रसाद(शाहाबादी) जी , दिल से आभार..

Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on July 8, 2015 at 7:31pm
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति आदरणीय आपका कवि रूप भी बहुत प्यारा लग रहा है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service