परम आत्मीय स्वजन,
ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 61 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह खुदा -ए सुखन मीर तकी मीर की ग़ज़ल से लिया गया है|
"रात को रो-रो सुबह किया, या दिन को ज्यों-त्यों शाम किया"
२२ २२ २२ २२ २२ २२ २२ २
फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फा
मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 24 जुलाई दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 25 जुलाई दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.
नियम एवं शर्तें:-
विशेष अनुरोध:-
सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें |
मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....
मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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आदरणीय कबीर जी ..रचना पर आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से मैं बेहद उत्साहित महसूस कर रहा हूँ तहे दिल धन्यवाद के साथ
// हिन्दू- मुस्लिम लड़ें तो रोटी सेंकें मुल्ला पंडित अपनी
मगर नवयुगी नयी सोच ने साजिश को नाकाम किया //, वाह , बहुत उम्दा शेर और बेहतरीन ग़ज़ल हुई आदरणीय , दिली दाद क़ुबूल करें.
आदरणीय रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद सादर
आदरणीय दिनेश जी ..आप सबके साथ मैंने इस मंच पर अपना सफ़र शुरू किया था .. आपके उत्साहवर्धन से ही सतत प्रयत्नशील हूँ ..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ सादर
सुन्दर ग़ज़ल हुई है आ० आशुतोष जी सभी शेर उम्दा हैं
हिन्दू- मुस्लिम लड़ें तो रोटी सेंकें मुल्ला पंडित अपनी
मगर नवयुगी नयी सोच ने साजिश को नाकाम किया--ये बहुत अच्छा लगा
बहुत बहुत बधाई आपको
आदरणीया राजेश जी ..आप सभी के मार्गदर्षन और हौसला अफजाई से नित प्रति कुछ न कुछ लिखने की प्रेरणा मिलती है. रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर
आदरनीय आशुतोष भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ।
आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..रचना पर आपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर
आपकी मेहनत को सलाम, आदरणीय. विलम्ब से ग़ज़ल तक आने का खेद है. गुनीजनों सुधार हेतु बढिया इशारे किये हैं.
दिल से दाद लीजिये
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