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आ नीरज शर्मा जी ,बहुत ही सार्थक लघुकथा हुई है बधाई इस रचना के लिए
हृदय से आभार आपका मीना जी ।
रिश्ते की बुनियाद को और मजबूत करने की भावना का सुंदर सन्देश देती लघुकथा के लिए हादिक बधाई आ. डॉ नीरज शर्मा जी
तहे दिल से शुक्रिया आ. लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी।
बुनियाद एक ख़ूबसूरत रिश्ते की ,प्यार की . वाह बहुत खूब .
आभार बहुत बहुत रीता जी
बहुत ही सार्थक और सटीक लघुकथा हुई है आदरणीया रमा जी। दाद कुबूल कीजिए
बहुत बहुत आभार आपका धर्मेंन्द्र जी।
आदरणीया नीरज शर्मा जी प्रदत्त के विषय को सार्थक करती इस लघुकथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.... लघुकथा की सकारात्मकता ही इसे विशिष्ट बनती है. सादर
हृदय तल से आभार अापका आ. मिथिलेश वामनकर जी।
मेरे कहे के अनुमोदन के लिए आभार...
ममतामई सास और मज़बूत बहू , खुशहाल परिवार के दो मज़बूत खम्बे , बधाई सशक्त रचना के लिए आ० नीरज शर्मा जी
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