Tags:
Replies are closed for this discussion.
लघुकथा कहने का सद्प्रयास हुआ है आ० जानकी वाही जी, बधाई स्वीकारें I
जानकी जी ,अच्छी प्रस्तुति हेतु बधाई आपको |
आदरणीया जानकी जी, लघुकथा में चरित्र ज्यादा हैं और इसके साथ-साथ संवाद भी छोटे-छोटे अधिक हैं जिसके कारण कथा प्रभावित नहीं कर पा रही है। अगर संवादों को समेट दिया जाए तो कथा में स्पष्टता भी आ जाएगी और चरित्र भी ऊभर कर आ जाएँगे।
खूबसूरत कथा के लिए आपको बधाई आ० जानकी जी
वाह ... बढ़िया.. प्रदत्त विषय पर अच्छी कथा प्रस्तुत की है आपने आदरणीया janki wahie जी. बहुत बहुत बधाई .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |