For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जवन चलीं हम नीक बा, तहरे बाउर चाल !                             [बाउर - ग़लत
राजनीति के खेल में, कूल्हि पैंतरा गाल !!                               [गाल - बेईमानी

बात-बात में फर्क बा, बतिया लीहऽ मान !
एक बढ़ावसु संत जी, दोसर के शैतान ॥

अइले रैली देखि के, अइसन चढ़ल बतास !                              [बतास - हवा
उड़त रहल मन रात भर, आङन भइल अकास ॥                       [अकास - आकाश

जेहि अघाइल लोग बा, उनके हऽ उतजोग ।                             [अघाइल - संतृप्त, अतिसंतुष्ट
लोकतंत्र के नाँव पर, शासन-सत्ता भोग ॥

कवन भरोसा का करीं, काहें मति के फेर ?
चलीं उठाईं आसनी, गइल चुनावी टेर !!                                 [आसनी - बैठकी का आसन या पीढ़ा

कवन समै आइल कहऽ, भइल सोच में भेद ।                          [समै - समय
सभके सजल परात में, लउक रहल बा छेद ॥                          [परात - विशेष रूप से बड़ी थाली
***************
(मौलिक आ अप्रकाशित)

Views: 1032

Replies to This Discussion

बहुत अच्छी दोहावली है बहुत बहुत बधाई

सादर

भोजपुरी दोहों को पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय श्याम नारायण जी. 

सुंदर अति सुंदर।सही कटाक्ष करते हुए दोहे।हार्दिक बधाई पूज्य सौरभ पांडे जी।

रचना को अनुमोदित करने केलिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सतविन्दरजी. 

  दोहा के कारण से मन इतना प्रसन्न हो गइल कि चुनाव के हरासी त खत्म हो गइल । दोहा के खातिर अनेक गो बधाई स्वीकार करी।

आदरणीय इन्द्रविद्यावाचस्पति तिवारीजी,  रउआ हई दोहा छन्द रुचकर लगलन सऽ, हम नत-मस्तक बानीं. नेह-छोह बनल रहो,

दिल से शुक्रिया कहि रहल बानीं. 

आदरणीय पाण्डेय जी, चुनाव को लेकर ये व्यंग्यात्मक दोहे मर्म पर उँगली रख रख रहे हैं --"सभके सजल परात में, लउक रहल बा छेद ॥" ...हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
4 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
5 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
5 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service