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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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आदरणीया राजेश कुमारी जी, आपकी शुभकामनाएँ मेरे सिर चढ़ी उन्मन हैं .. हार्दिक आभार 

हमार भइया !  मनवा मयूर भइल भँवरी पारि रहल बा !!  

तवना प घेवर आ लकठो से मुँहवाँ में बाढ़ि आ गइल बा !

हिरदै से धन्यवाद, गनेस भाई.. 

आदरणीय मिथिलेश भाई, आपकी हार्दिक शुभकामनाओं से संतृप्त हूँ. हृदयतल से धन्यवाद.

बहुत ही खूबसूरत कार्ड साझा किया है आपने. देख-पढ़ कर मुग्ध हो गया हूँ.  

शुभ-शुभ

हार्दिक धन्यवाद सर 

आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी के जन्मदिन की वर्षगाँठ पर हृदयतल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।

मुबारकबाद के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी भाईजी. 

आदरणीय सौरभ भाई , जन्म दिन की आपको हृदय से ढेरों बधाइयाँ ।
खूब बधाई लीजिये , जनम दिवस की आज
और लेखनी आपकी , बनी रहे सरताज

हृदय कोर से सुन रहा, आशीषों के साज
दिल से नत हूँ सोच कर, अग्रज हैं गिरिराज

सादर आभार आदरणीय गिरिराज भाईजी. 

आदरणीय सौरभ सर जन्म दिन की ढेरों शुभकामनायें । 

शुभकामनाओं के लिए हृदयतल से धन्यवाद, अनन्य अजीज नादिर भाई. 

शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार आदरणीया कल्पनाजी. 

आदरणीय सौरभ जी आपको सपरिवार जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाये। प्रभु आपकी हर मनोकामना पूर्ण करे। माँ शारदे का आपकी लेखनी पर सदा आशीर्वाद बना रहे। इस अवसर पर चंद पंक्तियाँ आपकी नज़र :_

देखते हैं किसी मोड़ से
तो बचपन नज़र आता है
खट्टे मीठे लम्हों का
इक दर्पण नज़र आता है
इक माँ नज़र आती है
इक बाप नज़र आता है
भाल पर लगा मेरे
उनका चन्दन नज़र आता है
ये स्वपन सा समां
बस उनकी बदौलत है
ये जिस्म ये जां
सब उनकी ही दौलत है
बस इतना करम करना
मुझ पर मेरे मालिक
मैं रहूँ जब तक
वो दिल में रहें मेरे
मेरे जन्मदिन पर उनके
आशीर्वाद से हों सवेरे

सुशील सरना

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