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जनाब सुधीर जी , अच्छी एवं सीख देती लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई। ..
शुक्रिया जनाब Tasdiq Ahmed Khan जी
वाकई के साथ "में " लगाने की फिजूलखर्ची क्यों ,अर्चना जी ?
इस तरहतो भाषा जल्दी ही कंगाल नहीं हो जाएगी ?
भाई द्विवेदी जी रचना और शिल्प के आप माहिर हैं।
आंचलिक भाषा का अपना मजा है और सक्षम रचनाकार इस पर प्रयोग भी करता है, आपने भी किया।
मगर पंजाबी भाषा आपको नहीं आती। एह्दे नाल पंगा नई सी लेणा। पहलां चंगी तरां सिख लो भा जी।
चंगा जी !! :))) सीख रहा हूँ धीरे-धीरे , इस रचना में पंजाबी भाइयों की थोड़ी मदद ली है .. हो सकता है थोड़ी चुक हो गयी हो .. विश मी बेस्ट ओफ लक फॉर नेक्स्ट टाइम आ. प्रदीप जी ! सादर
प्रत्युत्तर अच्छा लगा मित्र।
सिर्फ अगली बार के लिए ही क्यों , हमेशा के लिए मेरी शुभकामना स्वीकारो।
बहुत खूब !! आनंद आ गया यह लघुकथा पढ़कर भाई सुधीर द्विवेदी जी I एक गज़ब का नयापन है इस रचना में I लघुकथा के संवादों में पंजाबी भाषा का प्रयोग भी बढ़िया लगा (मेरे जैसा पंजाबी इससे प्रसन्न नहीं होगा तो और कौन होगा ?) आंचलिक भाषा का संयमित उपयोग किसी भी रचना की सुन्दरता दोबाला कर सकता है I किन्तु यहाँ बेहद सावधानी की आवश्यकता होती है, शब्दों के सही उच्चारण से यदि वाक्फीयत न हो तो चाँद के माथे पर दाग जैसी स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है I मसलन पंजाबी में सही शब्द "गल्ल" (बात) है "गल" का अर्थ पंजाबी में गला (Throat) होता है I "रख" को भी "रक्ख" की तरह लिख-बोला जाता है I निम्नलिखित वाक्य को भी देखें:
//"असीं लोग बेरोजगारी-भत्ते दी माँग कर रहे हैं , चल तुसी वी आ जा, तुसी वी तो साड्डी बिरादरी(बेरोजगार) दा है।"
इसका दुरुस्त रूप यूँ होगा:
"असीं लोग बेरोजगारी-भत्ते दी माँग कर रहे हाँ , चल तूँ वी आ जा, तूँ वी ताँ साड्डी बिरादरी (बेरोजगार) दा हैं ।"
आदरणीय सर , सुबह से ही प्रतीक्षा थी , ज्यूँ-ज्यूँ आप और रचनाओं पर कमेन्ट करते हुए मेरी रचना की ओर बढ़ रहे थे मेरी मन की धुकधुकी दुगुनी रफ्तार से दौड़ रही थी | आपकी कही बातों से मैं पूर्णत सहमत हूँ | पंजाबी मेरी मात्रभाषा नहीं. है पर न जाने क्यूँ इस विषय पर पंजाबी सम्वाद पेश करने का ही मन था मेरा | मै कानपुर(उत्तर-प्रदेश ) का रहने वाला हूँ , पंजाबी सम्वाद लिखते समय मैंने अपने कई पंजाबी बोलने वाले मित्रों से सम्वाद पूछे भी थे ... पर सही उच्चारण लिख नहीं पाया | पर ये एक प्रयोग था जिससे इस विषय में भी सीखने को मिला.. हाँ ये संतोष अवश्य है कि कथ्य,विषय आपको पसंद आया | सादर
देश की बेरोजगारी एक ऐसी गंभीर समस्या है जो आगे आने वाले वक़्त में जीना मुहाल कर देगी बहुत अच्छे विषय पर कलम चलाई है आपने उस पर शानदार प्रस्तुतीकरण एवं पंजाबी भाषा का तड़का लघु कथा को खास बना गया | बहुत बहुत बधाई आ० सुधीर द्विवेदी जी
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