Tags:
Replies are closed for this discussion.
इच्छाओं की सीमा पहचानना बहुत जरुरी होता है नहीं तो व्यक्ति कहीं का नहीं रहता | प्रदत्त विषय पर बढ़िया रचना , बधाई आपको
-
"आकांक्षाओं के पंखों की कोई सीमा नहीं होती।उनको पाने की चाह में तुम कटी पतंग की तरह कही की नहीं रहोगी।"सशक्त पंक्ति हार्दिक ,बधाई इस रचना पर आपको आदरणीया अर्चना जी
बहुत खूबसूरत लघुकथा के लिए बधाई _/\_
हार्दिक बधाई आदरणीय अर्चना जी!आपकी लघुकथा आज की आधुनिक नारी की भटकन के साथ उसकी हताशा और पीडा का अच्छा मिश्रण है!नारी के मन के अनछुए दर्द और पुरुष की खिलवाड करने की आदत जैसा गंभीर विषय लेकर इतनी बारीकी से प्रस्तुतीकरण, निश्चय ही दुरूह कार्य है!मगर आपने इसे पूरी शिद्दत और ईमानदारी से निभाया है!लघुकथा बेहतरीन और उत्तम है!पुनः बधाई!
आकाॅंक्षा
----------
‘‘क्यों ठेकेदार साहब! मिल आये? क्या कहा ‘जी साब‘ ने ?"
‘‘आप तो सब जानते हैं ‘एजी‘ साब! फिर क्यों जले पर नमक छिड़कते हैं? आपसे मदद करने को रिक्वेस्ट किया था पर आपने भी ......"
‘‘लेकिन भाई साब! टेंडर पास कराने के समय तो बड़ा उत्साह दिखा रहे थे? कहते थे सब कुछ हो जायेगा और अब बदल रहे हो, तो ‘जी साब‘ नाराज तो होंगे ही।"
‘‘ उस समय यह कहाॅं मालूम था कि कीमतें इतने जल्दी आसमान छूने लगेंगी, हमारा तो दिवाला ही निकल गया.....।"
‘‘लेकिन जब तब चर्चा में तो यही सुना जाता है कि पृथ्वी पर यदि कोई बुद्धिमान हैं तो वह हैं एमईएस के कान्ट्रेक्टर्स, बोलो गलत कहा क्या? टेंडर के पास कराने के समय जो परसेंटेज निर्धारित हुई थी वह तो उनकी , मेरी और एकाऊंटेन्ट की , देना ही पड़ेगी ... ... ।"
‘‘परंतु सर! मुझे बहुत ‘लाॅस‘ हुआ है इस काम में, आगे कभी समझ लेंगे पर अभी कुछ तो मानवीयता दिखाईये, आफटर आल हमारे वर्षों पुराने संबंध है?"
‘‘यार! क्या तुम्हारी यह आकाॅंक्षा वैसी ही नहीं है जैसे कोई पुत्र अपने पिता की हत्या करने के बाद बकील के माध्यम से जज के सामने गिडगिड़ाये कि उसकी सजा माफ कर दी जाये क्योंकि वह अनाथ हो गया है? "
मौलिक और अप्रकाशित
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |