आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
वाह वास्तव में पागल ही वह कर सकता है जो सही है इंसान तो पागलों सी हरकत पर उतर आए हैं
हार्दिक आभार आदरणीय कविता वर्मा जी!
नेताजी के आने का ऐलान हुआ, सभी झोपड़पट्टी वाले काम धंधा छोड़कर पण्डाल में 45'तापमान में अपने अंगोछे की छतरी बनाकर अपनी अपनी जगह बैठ गए, लाल बत्ती की पांच सात गाड़ियां चूं-चूं करती पण्डाल के पास आकर रुकी और शुरू हुआ भाषण, "हम आप के लिए यहाँ नए घर बनवाएँगे" "हम 24 घंटा पानी बिजली देंगे" यही भाषण पिछले 20 सालों से सुनते आ रहे थेI घर तो छोड़ो पानी तक नहीं आता हैI एक वृद्ध को उसका भाषण ऐसा लग रहा थाI जैसे मानो कानो में कोई गर्म तेल उड़ेल रहा हो, रहा नहीं गया, अपना लठ उठाया और खड़ा हो गया, जोर जोर से बड़बड़ाने लगा, चारों और नजर घुमाई एक अकेला डर गया, और वापस बैठने के लिए निचे झुका, अचानक पीछे से आवाज आई "ऐ बोत देखे है तेरे जैसे नेता, तू कोण होता हैI घर बनाने वाला, सुनकर ऊपर उठा देखा सैकड़ो लोग खड़े हो गए, कुनबा बनता देख, नेता जी जनता का आक्रोश भांप गए, और जिस गति से आये थे, उसी गति से चूं-चूं करते लाल बत्ती में वापस चले गएI "मौलिक व अप्रकाशित"
बहुत बहुत धन्यवाद ओमप्रकाश जी
होंसले के टिमटिमाते दीपक को मानो हवा मिल गई हो जहाँ जनता की कड़ियाँ एक साथ मिल जाती हैं गोलबंध हो जाते हैं वहाँ कोई टिक सकता है क्या ??इसी आक्रोश की जरूरत है आज इन नेताओं के झूठे वादे करते हुए मुखों पर ताला डालने के लिए|
प्रदत्त विषय पर अच्छी लघु कथा लिखी आपने आद० हरिकिशन जी हार्दिक बधाई |
सही कहा आपने जिस दिन जनता एक हो गई ना उस दिन जूठे वादे करने वाले नेताओं को छुपने की जगह भी नहीं मिलेंगे, बहुत बहुत धन्यवाद राजेश कुमारी जी
आप का बहुत बहुत धन्यवाद सतविंद्र कुमार जी
आप को अच्छी लगी हमारी मेहनत रंग लाई, आप का बहुत बहुत धन्यवाद डॉ. विजय शंकर जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |