आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
वाह्ह्ह बहुत खूब आज कल सच में कोई प्रायश्चित करे तो कोई यकीन नही करता और नेताओं की तो छवि ऐसी ही होगी है की उनपर तो कोई बिलकुल भी यकीन नही करेगा |बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए आद० उस्मानी जी |
बहुत बढ़िया कथा |आजकल बिल्लिया ही हज कर रही पुन्य आत्मा तो न जाने कहाँ खोयी है | जो जो इस देशभक्ति में होम कर रहा शोहरत पाए जा रहा |बधाई कथा के लिए
पति के किये गुनाहों / गलतियों की भरपाई अक्सर पत्नियों को करनी होती है एक कटु सत्य है ये ,,बहुत प्रभावी बनी है आपकी ये रचना ..हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीया नीता जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |