आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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पत्थरों के माध्यम से भावनाओं का उम्दा शिल्प सृजन आपने, बधाई
आपका हार्दिक आभार आदरणीय रतन राठोर जी
वाह, पत्थरों के प्रतीक बहुत कुछ कह रहे हैं| इंसानों द्वारा प्रकृति का दुरुपयोग और मनोदशा का बहुत अच्छा वर्णन किया है आदरणीया प्रतिभा जी, बहुत-बहुत बधाई इस सार्थक सृजन हेतु|
रचना में निहित मनोदशा आप तक पहुँची, रचना कर्म सफल हुआ हार्दिक आभार आपका आदरणीय चंद्रेश जी
हार्दिक बधाई आदरणीय प्रतिभा जी।आपने विरासत शीर्षक के लिये एक नये कथानक को चुनकर जो लघुकथा रची है वह वाकई काबिलेतारीफ़ है।बेहतरीन प्रस्तुति।
आपसे मिला अनुमोदन मेरे रचना कर्म को सार्थकता प्रदान कर रहा है ,आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर जी
हार्दिक आभार प्रिय सीमा जी
आदरणीय प्रतिभा जी, प्रतीकात्मक शैली में बहुत ही अच्छी लघुकथा लिखी है आपने, बहुत-बहुत बधाई!
हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र जी
हार्दिक आभार आदरणीय सतविंदर जी
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