For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-लिए दर्द दिल में पुराने चला हूँ-रामबली गुप्ता

वह्र-122 122 122 122

लिए दर्द दिल में पुराने चला हूँ
गमे इश्क के गीत गाने चला हूँ

जहाँ पल खुशी के बिताये थे तुम सँग
वहीं आज आँसू बहाने चला हूँ

बयाँ हाले' दिल भी करूँ क्या किसी से
मैं' सब खुद से' ही अब छिपाने चला हूँ

थी ये जिंदगी आप ही की ऐ' साहिब
उसे आप ही पे लुटाने चला हूँ

मुबारक तुम्हें चाँद सूरज सितारे
अँधेरों को' मैं आजमाने चला हूँ

खुली आँख का ख्वाब था प्यार तेरा
यकीं आज दिल को दिलाने चला हूँ

छुपा कर गमों को सरे बज़्म यारों
है' मुश्किल मगर मुस्कुराने चला हूँ

लिए आँसुओं का छलकता हुआ जाम
'बली' जश्न गम का मनाने चला हूँ

रचना-रामबली गुप्ता
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 950

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on October 24, 2016 at 3:39pm
आद0 विजय निकोरे जी सादर धन्यवाद
Comment by रामबली गुप्ता on October 24, 2016 at 3:38pm
हृदय से आभार आद0 गिरिराज भाई जी
Comment by रामबली गुप्ता on October 24, 2016 at 3:37pm
हृदय से आभार भाई आद0 गोपाल नारायन जी। सुझाव के लिए धन्यवाद
Comment by रामबली गुप्ता on October 24, 2016 at 3:33pm
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी
Comment by रामबली गुप्ता on October 24, 2016 at 3:32pm
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी
Comment by vijay nikore on October 24, 2016 at 3:28pm

गज़ल अच्छी लगी। बधाई।

Comment by रामबली गुप्ता on October 23, 2016 at 11:01pm
हार्दिक आभार आद0 भाई बैजनाथ शर्मा

जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2016 at 2:08pm

आदरणीय रामबली भाई , अच्छी गज़ल कही है , बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 23, 2016 at 12:21pm

जहाँ पल खुशी के बिताये थे तुझ सँग------------यहाँ तुझ संग से प्रवाह बाधित हो रहा है  'मिलकर' कर सकते हैं या फिर कुछ और सोंच ले . सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 23, 2016 at 11:28am
बहुत ही मधुर ग़ज़ल...बधाइयाँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
4 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service