For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अस्ल दीपावली ( लघुकथा

सुरेश को घर में आता देख बच्चे फ़ौरन उनके पास आगये और थैले को देखने लगे ,वो बाज़ार से जो सामान लेकर आए थे
उनमें उनके पटाखे भी थे |


बच्चे पटाखे देख कर बोले " यह क्या पापा आप तो सिर्फ़ फुलझड़ी ,अनार और चरखी ही लाए हैं , आवाज़ वाले बम ,और
रॉकेट वग़ैरा नहीं लाए "

सुरेश ने जवाब में कहा " दीपावली रोशनी का त्योहार है ,इसमें सिर्फ़ रोशनी करनी चाहिए "

बच्चे फिर बोले " हर तरफ से पटाखों की आवाज़ें आ रही हैं , कितना अच्छा लग रहा है ,दूसरे बच्चे चिढ़ाएगे कि हमारे
पास अच्छे पटाखे नहीं हैं "

बच्चों को समझाते हुए सुरेश ने फिर कहा " बच्चों सरकार ने चाइनीज़ पटाखों पर पाबंदी लगा दी है ,आवाज़ वाले पटाखों
से हर साल जान माल का कितना नुक़सान होता है ,प्रदूषण बढ़ जाता है ,त्वचा की बीमारियाँ होती हैं ,हमें गले मिल कर
शिकवे दूर करके एक दूसरे को मिठाई खिलानी चाहिए , यह प्यार और रोशनी का पर्व है शोर शराबे का नहीं "
बात समझ में आते ही बच्चे घर के बाहर रोशनी वाले पटाखे चलाने लगते हैं ---------


अचानक पटाखों के शोर में एक और शोर सुनाई देता है ,सुरेश घर के बाहर आकर देखता है कि लोग गाँव में मोहन
के घर की तरफ भाग रहे हैं और कहते जारहे हैं कि मोहन के घर के छप्पर पर किसी रॉकेट के गिरने से
आग लग गयी --------

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 618

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 16, 2016 at 12:31pm

पटाखों से होने वाली घटनाओं पर रौशनी डालती हुई संदेशप्रद लघु कथा के लिए बहुत बहुत बधाई मोहतरम तस्दीक जी 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 4, 2016 at 6:46am

मोहतरमा नीता  साहिबा ,  लघुकथा पसंद करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया --

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 4, 2016 at 6:46am

मोहतरमा राहिल साहिबा ,  लघुकथा पसंद करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया --

Comment by Nita Kasar on November 3, 2016 at 8:12pm
रोशनी का पर्व तब तक अच्छा है जब तक दायरे रहकर ख़ुशियाँ मनायी जायें ज़रा सी लापरवाही में संकट का सामना करना पड़ता है ये हम किस दिशा में जा रहे है । सारगर्भित कथा के लिये बधाई आद०तस्दीक अहमद जी ।
Comment by Rahila on November 3, 2016 at 6:22pm
ये तो हर दीवाली की बिडम्बना है ।एक प्यारा सा त्यौहार हमारी बेवकूफी की बलि चढ़ गया ।जिन चीजों की जरूरत ही नही हम वो किये जा रहे हैं ।बहुत सार्थक रचना।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 1, 2016 at 8:32pm

मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब ,  लघुकथा  में शिरकत और आपकी हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया --

Comment by Samar kabeer on November 1, 2016 at 5:37pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,बढ़िया लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on October 31, 2016 at 10:46am

मोहतरम जनाब शेख शहज़ाद उस्मानी साहिब, लघुकथा आपको पसंद आगयी मेरा लिखना सार्थक हो गया , हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2016 at 10:40am
बहुत ही उम्दा प्रेरक प्रासंगिक सृजन के लिए तहे दिल से बहुत बहुत मुबारकबाद मोहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहब। ऐसी ही पहल से त्योहार वास्तविक रूप ले कर समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकेंगे।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service