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मुद्रा के तज़ुर्बे (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी

कालाधन भ्रष्टाचार की नोटबंदी रूपी दीवार की आड़ लिए हुए सफ़ेद धन की गुलाबी मुद्रा को शर्माते-मुस्कराते देख कर बोला- "तुम्हें आना ही होगा एक दिन मेरे ही पास!"
"अभी या रात के अँधेरे में!"
"जब मौक़ा मिले तभी; मैं तुम में या तुम मुझ में समा जाओगी!"
"लोकतंत्र के इस बुढ़ापे में भी!" उसने शरारती अंदाज़ में कहा।
"हाँ, काले को सफ़ेद और सफ़ेद को काले में बदलने के तज़ुर्बे का यही तक़ाज़ा है!" कालेधन ने आत्मविश्वास के साथ कहा।
उसने कालेधन का हाथ थामा और स्वयं के वजूद को भूल सी गई।

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 10, 2016 at 9:37pm
इस रचना का अनुमोदन करने व अन्य लघुकथायें लिखते रहने की प्रेरणा देने के लिए सभी सुधीजन, सम्मानित पाठकगण को हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 26, 2016 at 4:33pm
शंका-कुशंका पर ही सारा बबाल मचा हुआ है।. मेरी लघुकथा के अनुमोदन व स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ।मोहतरम जनाब गिरिराज भंडारी साहब।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 22, 2016 at 11:02am

वर्तमान पर एक जायज़ शंका पर आधारित आपनी लघुकथा अच्छी लगी , आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 21, 2016 at 4:56pm
रचना पर उपस्थित हो कर अपने विचार साझा करने व अनुमोदन और स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहब, मोहतरमा राजेश कुमारी साहिबा व सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 21, 2016 at 1:38pm

कैसे विश्वास हो किसी को यही तो होता आया है आज तक भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी आसानी से नहीं उखड़ सकती  प्रतीकों के माध्यम से बहुत सुन्दर सामयिक लघु कथा इस संशय  को और बल देती है बहुत खूब बहुत बहुत बधाई आद० उस्मानी जी 

Comment by नाथ सोनांचली on November 21, 2016 at 6:09am
मेरी दिली बधाई स्वीकार करें।
Comment by नाथ सोनांचली on November 21, 2016 at 6:06am
आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब, सादर अभिवादन, समसामयिक नोट बंदी पर उत्तम लघुकथा देखने को मिली।।।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 20, 2016 at 9:53pm

मुहतरम  जनाब   शहज़ाद उस्मानी साहिब , काले धन और नई मुद्रा का संगम कराती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं   ---

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