आदरणीय साथिओ,
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लघु कथा - छुपाधन ( तस्वीर का दूसरा रुख़ )
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श्याम ने सुबह सुबह चाय की चुस्की लेते हुए अपनी बीवी पूजा को आवाज़ देकर कहा " आज अख़बार के पहले पेज पर खबर छपी है , सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए "
पूजा सारा काम छोड़ कर पति के पास आकर बोली , " सरकार ने एसा क्यूँ किया "
श्याम ने अख़बार पढ़ते हुए कहा " देश में काला धन और भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है आतंकवाद में इसका प्रयोग हो रहा है "
पूजा फिर पूछ बैठी " काला धन किसके पास है "
श्याम ने बताया " घूसखोर कर्मचारियों ,अफसरों ,नेताओं और उद्योग पतियों के पास है "
यह सुनते ही पूजा के चेहरे का रंग ही उड़ गया ,वो फ़ौरन बोल पड़ी " जिन घरेलू महिलाओंने घर खर्च में से बचा बचा कर कुछ धन घर में जमा किया है ,क्या वो भी काला धन है ?"
श्याम ने पूजा की तरफ देख कर मुस्करा कर कहा " नहीं, वो धन अगर ढाई लाख रुपये तक है तो उसे बैंक खाते में जमा करके वापस निकाल सकते हैं "
यह सुनते ही पूजा के चेहरे का उड़ा हुआ रंग वापस आ गया , जो बात उसने पति को कभी नहीं बताई वो उसके चेहरे ने ज़ाहिर करदी | पूजा के चेहरे पर आते जाते रंग को देख कर श्याम के होंटो पर खामोश हँसी साफ़ नज़र आ रही थी -------
( मौलिक व अप्रकाशित )
सम-सामयिक विषय पर बहुत ही सुंदर लघुकथा कही है आ० तसदीक़ अहमद खान साहिब, वाह वाहI पूजा के उड़े हुए चेहरे का रंग वापिस आना और श्याम की खामोश हंसी सबकुछ ब्यान कर रही हैI बिना कहे सब कुछ कह जाना ही तो लघुकथा की खासियत होती हैI इस लाजवाब लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI
मुहतरम जनाब योगराज साहिब , लघु कथा आपको पसंद आ गयी मेरा लिखना सार्थक हो गया , हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ----
जनाब सुरेंद्र नाथ साहिब , लघु कथा में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ---
समसामयिक प्रष्ठभूमि पर सुंदर कथानक लेकर बहुत अच्छी लघु कथा लिखी है आद० तस्दीक जी बहुत- बहुत बधाई |
मुहतरमा राजेश कुमारी साहिबा , लघु कथा को पसंद करने और आपकी हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ----
एक सम सामयिक विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुति, बहुत बहुत बधाई आपको इस प्रस्तुति के लिए
मुहतरम जनाब विनय कुमार साहिब , लघु कथा को पसंद करने और आपकी हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ----
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