For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकू

1
पैसा बोलता
सर चढ़कर है
घमण्डी होता ।

2
पैसा जरुरी
इन्कार तो नहीं है
पर कितना

3
खुशियाँ वहीँ
पहाड़ों पे मिलती
पैसे वालो को

4
सुकून ख़ोजे
क़ैद होकर जब
हंसता पैसा

5
बोले है पैसा
न चाहते हुए भी
अमीर वाणी

6
तौला प्यार को
पैसों की जुबान से
न चला पता ।

7
तलवार सी
धार पैसो की होती
वार करती ।

8
बदले हुए
आते है नज़र वो
पैसा ज़ुबान ।

9
पेट न भरे
पैसों के बिन कभी
है ये जरूरी ।

10
काला साया
बढ़ता ही जा रहा
पेड़ पैसो का ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 522

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 18, 2017 at 10:20pm

धन्यवाद् आदरणीय रामबली सर |

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 18, 2017 at 10:20pm

धन्यवाद् आदरणीय नरेन्द्रसिंह जी 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 18, 2017 at 10:19pm

धन्यवाद् आदरणीय सुशिल सरना जी |

Comment by रामबली गुप्ता on June 15, 2017 at 8:29pm
सभी हाइकू अच्छे हैं आदरणीया कल्पना जी। भाव और कथ्य सभी अच्छे हैं। सादर बधाई स्वीकारें।
Comment by narendrasinh chauhan on June 12, 2017 at 7:30pm

सुन्दर  हाइकु  रचना। ....हार्दिक बधाई

Comment by Sushil Sarna on June 12, 2017 at 3:42pm

लाजवाब हाइकु आदरणीया कल्पना भट्ट जी.......हार्दिक बधाई

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 12, 2017 at 10:01am
10 काला ये साया
बढ़ता ही जा रहा
पेड़ पैसो का ।


धन्यवाद आदरणीय मौहम्मद आरिफ़ साहब । जी संशोधित कर दिया है , पुनः धन्यवाद
Comment by Mohammed Arif on June 12, 2017 at 9:33am
आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब, रुपयों की गरिमा-गौरव को रेखांकित करते बहुत ही लाजवाब हाइकु । 10वें हाइकु में एक अक्षर कम है । बाक़ी हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service