For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1222 1222 122
रकीबों को उठाया जा रहा है ।
किसी पर जुल्म ढाया जा रहा है ।।

मैं छोड़आया तुम्हारी सल्तनत को।
मगर चर्चा चलाया जा रहा है ।।

मुखौटे में मिले हैं यार सारे ।
नया चेहरा दिखाया जा रहा है।।

सुखनवर की किसी गंगा में देखा ।
नया सिक्का चलाया जा रहा है ।।

सही क्या है गलत क्या है ग़ज़ल में ।
नया कुछ इल्म लाया जा रहा है ।।

अदब से वास्ता जिसका नहीं था ।
उसे आलिम बताया जा रहा है ।।

सिकेंगी रोटियां अब खूब साहब ।
हमारा दिल जलाया जा रहा है ।।

--नावीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 600

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 23, 2017 at 7:24pm
आ0 ब्रजेश कुमार ब्रज जी सादर आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 23, 2017 at 7:23pm
आ0 कल्पना भट्ट रौनक जी सादर आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 23, 2017 at 7:22pm
आ0 गिरिराज भंडारी सर सादर आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 23, 2017 at 7:22pm
आ0 कबीर सर सादर आभार
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 16, 2017 at 3:16pm
खूबसूरत ग़ज़ल हार्दिक बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 16, 2017 at 10:53am

आदर्णीय नवीन भाई ,अच्छी गज़ल कही है. गज़ल के लिये आपको बधाइयाँ ।

Comment by Samar kabeer on September 14, 2017 at 5:56pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
मतले के सानी मिसरे में 'जुर्म'को "ज़ुल्म'कर लीजिये, जुर्म किया जाता है,और ज़ुल्म किया भी जाता है और ढाया भी जाता है,यहाँ "ज़ुल्म"ही मुनासिब होगा ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 14, 2017 at 4:13pm

वाह , बहुत खुबसूरत ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय , हार्दिक बधाई आपको |

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 13, 2017 at 9:37pm
भाई अफरोज साहब इसे अविलम्ब ठीक करता हूँ
Comment by Afroz 'sahr' on September 13, 2017 at 9:32pm
आदरणीय नवीन जी अच्छी ग़जल की आपको बधाई देता हूँ ""तोहमत"" (स्त्रीलिंग) अर्थात मुअन्नस है! आपने कहा है! ""नया तोहमत लगाया जा रहा है""

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service