आदरणीय साथिओ,
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आदरनीय नीता कसार जी बहुत बढ़िया लघुकथा कही है. बधाई .
महज लॉकेट की वजह से हृदय परिवर्तन हो जाना मुझे भी अस्वाभाविक लगा. यदि इस ओर ध्यान देंगी तो यह रचना एक बढ़िया लघुकथा में बदल सकती है. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर.
अच्छी लघु कथा हुई आद० नीता कसार जी बहुत बहुत बधाई
बहुत बढ़िया , शुक्र है भूले बेटे को घर याद तो आया .. हार्दिक बधाई इस सफल लघुकथा पर आदरणीया नीता जी
प्रदत्त विषय " सुबह का भूला" पर लघु कथा
परिवर्तन
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" ट्रिन ट्रिन ! ट्रिन ट्रिन !" फोन की घंटी ने शादाब का ध्यान भंग किया । उठा और अनमने भाव से फोन को कान से सटा कर बोला , " हेलो"
उधर से रोते हुये आमिना बोली ," भाईजान ! गजब हो गया , मेरी तो ज़िंदगी ही तबाह हो गयी । अब मैं दोनों छोटी-छोटी बेटियों को लेकर कहाँ जाऊँगी ।"
" क्या !! क्या हुआ !! " शादाब चीख पड़ा ।
आमिना उसी तरह रोते हुये बोली ," क्या बताऊँ भाईजान ! कोई बात नहीं थी आज अचानक जरा सी बात पर झगड़ा हुआ और इन्होने दो तलाकें मेरे मुंह पर मार दीं ।"
"काट कर फेंक दूंगा उस रईस जादे को ! अगर मेरी बहन को तलाक देने की जुर्रत की तो । तू फिक्र न कर ! अभी आता हूँ । "शादाब गरजा और फोन पटक दिया और बाहर की ओर लपका ।
उसके इस तरह चीखने से उसकी माँ और पत्नी भी कमरे में आ गए थे । शादाब के बड़बड़ाने से माँ को बात समझते देर न लगी । उन्होने कहा " मैंने कहा था तुझसे दूसरे की बेटी को तलाक देने जा रहा है तू ! वो भी बिला वजह ! खुदा की गारत कहीं ऐसा न हो तुझ पर ही गिर जाए , कभी किसी की हाय नहीं लेनी चाहिए । बहू की क्या गलती थी जो तूने उसे तलाक देने की सोची ? क्यों जरा सी बात पर तलाक देना क्या जरूरी है ? क्या किसी की बेटी की कोई इज्जत नहीं ? क्या ये किसी की बहन नहीं ! बोल !! "
शादाब आसमान से जमीन पर आ गिरा । उसे अपनी गलती का अहसास हुआ ।
" हाँ ! मैं खुद भी तो यही गलती करने जा रहा था ।" उसने लपक कर पत्नी से माफी मांगी । और उसको साथ लेकर बहन के घर को जाने के लिए बाहर भागा ।
मौलिक एवं अप्रकाशित
अन्नपूर्णा बाजपेयी
बहुत बढ़िया लघुकथा कही है आ० अन्नपूर्णा जी, प्रदत्त विषय के साथ भी न्याय हुआ है जिस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है. लेकिन निम्नलिखित पैरा अनावश्यक रूप से विस्तार लेकर कथा के इस हिस्से को कमज़ोर और बोझिल कर रहा है. इसे संपादित कर चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास करें तो कथा का प्रभाव बढेगा.
जी सर !
आपने लघु कथा को समय दिया आपका हार्दिक आभार ।
अच्छी विषयआधारित लघुकथा
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