For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


-धन्यवाद, पैसे खाते में आ गये।प्रयाग में विमोचन हो जाये?
-‎अच्छा रहेगा।
-‎हॉल वगैरह बुक कर दिया है।बस कुछ लोगों की व्यवस्था आप करा लीजिये।
-‎आपके प्रकाशन की और पुस्तकें भी हैं न?
-‎थीं,पर अब उनका विमोचन शायद अलग से हो।
-‎क्यूँ?
-‎लेखकों की भागीदारी पूरी नहीं हो रही है।
-‎फिर?
-‎यह कार्यक्रम आपका ही होगा।सम्मानित भी हो जायेंगे आप।
-‎बात तो समूह में पुस्तकों के विमोचन की थी।
-‎सम्भव नहीं है।
-‎फिर अलग से देखेंगे।मेरे पैसे में कितनी प्रतियाँ छपेंगी?
-‎दो सौ।
-‎छाप दीजिये',लेखक-कवि की वाणी सुदृढ़ थी।
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 671

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on January 18, 2018 at 8:34am

सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।

Comment by विनय कुमार on January 17, 2018 at 2:48pm

साहित्य की वर्तमान हालात को बयां करती बढ़िया रचना, बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Nita Kasar on January 16, 2018 at 3:41pm

सम्मान खुद करवाने की ललक का कोई ओर छोर नही उम्दा कथा है बधाई  आद० मनन कुमार सिंह जी ।

Comment by Manan Kumar singh on January 15, 2018 at 10:03pm

आपका आभार आदरणीया कल्पना जी।

Comment by Manan Kumar singh on January 15, 2018 at 10:03pm

आदरणीय समर जी,नमन।आपका आभार ।

Comment by Manan Kumar singh on January 15, 2018 at 10:01pm

आपका आभार आदरणीय महेंद्र जी।

Comment by Manan Kumar singh on January 15, 2018 at 10:01pm

आपका आभार आदरणीय सुरेन्द्र जी।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on January 15, 2018 at 9:26pm

वाह! आज के साहित्य जगत मैं ऐसा ही हो रहा है| हार्दिक बधाई इस लघुकथा के लिए|

Comment by Samar kabeer on January 15, 2018 at 3:17pm

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब, बढ़िया प्रस्तुति ,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mahendra Kumar on January 15, 2018 at 10:16am

वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य पर अच्छी लघुकथा कही है आपने आ. मनन जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
2 hours ago
Admin posted discussions
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service