For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पञ्चचामर छंद ( ज र ज र ज गा )

निशुंभ शुम्भ मर्दिनी , जया त्रिकूट वासिनी |

शिवा प्रिया महातपा , सुधीर माँ सुहासिनी ||

विराट भाल दिव्य शक्ति मुंडमाल धारिणी |

कृपालु दृष्टि भाविनी नमामि लोक तारिणी ||

विशाल भाल चंद्रिका सुदीर्घ नेत्र शान हैं |

कृपालु मातु शीश केश यामिनी समान हैं ||

कपोल हैं भरे -भरे व होंठ लाल –लाल हैं |

विराट रूप देख मातु भक्त भी निहाल हैं ||

विशाल रक्तबीज अंत मातु तेग से किया |

विनाश चंड मुंड का प्रचंड वेग से किया ||

तजे अहं मनुष्य माँ कृपालु दृष्टि डाल दे |

विवेकशील तू हमें विकारहीन भाल दे ||

मौलिक व अप्रकाशित.

Views: 974

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 12:28pm

आदरणीय सुरेन्द्र  नाथ सिंह जी , प्रस्तुत  छंदों की सराहना हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर 

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 12:27pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , हार्दिक आभार आपका ,सादर 

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 12:26pm

आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी , प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका,  सादर

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 11:55am

आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी , प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका,  सादर

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 11:54am

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी , प्रस्तुत छंदों की सराहना कर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका,  सादर 

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 11:50am

आदरणीय मो. आरिफ जी , प्रणाम !

       प्रस्तुत रचना आपको पसंद आई ..लेखन सार्थक हुआ ..आपका अतिशय आभार , सादर !

Comment by Anamika singh Ana on March 28, 2018 at 11:47am

आदरणीय समर कबीर जी , प्रणाम !

         प्रस्तुत छंद की सराहना हेतु अतिशय आभार आपका ,सादर !

Comment by नाथ सोनांचली on March 26, 2018 at 8:11am

आद0 अनामिका जी सादर अभिवादन। बढिया छंद रचना की आपने, बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 25, 2018 at 12:50pm

हार्दिक बधाई.

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 25, 2018 at 9:34am

जय माता की...वाह आदरणीय बहुत ही सुन्दर..भक्ति और वीर रस का सुन्दर समावेश..बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
28 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
43 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
49 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
54 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service