For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता---बेबस क़लम और हम

क़लम लाचार है
विरोध की तेज़ धार है
घोषणाएँ जारी हैं
ग़रीब का भूखा पेट भी आभारी है
झोंपड़ियों के ऐब सारे ढँक गए
ग़रीब के घर बेबसी की बीमारी है
संसद में भूख का आँकड़ा गरमा रहा है
रहनुमा विकास का तराना गुनगुना रहा है
धर्म के ठेकेदारों की दबंगई है
ईमान की बोली सस्ती लगी है
दहशत में सबकुछ फलफूल रहा है
मदारी ख़ुद झूठ के बाँस पर चल रहा है
बहुत तरक़्की हो चुकी है
चैन की बाँसुरी भी सुर खो चुकी है
सरकार का चरित्र साफ़-साफ़ नज़र आ रहा है
विज्ञापन अख़बार को निगलता जा रहा है
झूठा नारा लगाना सबकी आदत बन गई है
दुर्घटना में मरना भी शहादत हो गई है
घर से निकलते हैं दबंगों के हाथों मरने के लिए
मज़बूरी में अवैध काम करने के लिए

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 786

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on July 13, 2018 at 9:57am

समसायिक मुद्दों पर आप बहुत अच्छा लिखते हैं ... इस अच्छी रचना पर बधाई।

Comment by Mohammed Arif on July 1, 2018 at 7:51am

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 30, 2018 at 1:59pm

बड़ी अच्छी धारधार प्रस्तुति आदरणीय आरिफ जी...

Comment by Mohammed Arif on June 29, 2018 at 2:38pm

हार्दिक आभार आदरणीया बबीता गुप्ता जी ।

Comment by babitagupta on June 28, 2018 at 9:09pm

वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक व्यवस्था को वयां करती रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय सर जी. 

Comment by Mohammed Arif on June 28, 2018 at 8:13am

हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।

Comment by Mohammed Arif on June 28, 2018 at 8:12am

हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on June 27, 2018 at 6:46am

हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। बेहतरीन कविता।

Comment by Mahendra Kumar on June 26, 2018 at 10:18pm

“विज्ञापन अख़बार को निगलता जा रहा है” बिल्कुल सच कहा आपने आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। समसायिक परिदृश्य पर बढ़िया कविता हुई है। इस प्रस्तुति पर ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए। सादर। 

Comment by Mohammed Arif on June 26, 2018 at 6:20pm

आदरणीय चेतन प्रकाश जी आदाब,

                             काश ! आपने अपनी प्रतिक्रिया हिंदी में दी होती तो अच्छा होता । कितने आश्चर्य की बात है कि आप कविता के मर्म को तो समझ रहे हैं मगर प्रतिक्रिया अंग्रेज़ी में दे रहे हैं । यह हिंदी मंच है । हार्दिक आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
25 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
30 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
59 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service