आदरणीय साथिओ,
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जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,प्रदत्त विषय को सार्थक करती अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
जनाब समर साहिब,शुक्रिया आदाब।
वार्तालाप शैली की इस रचना के लिए हार्दिक बधाई
शुक्रिया जी।
वर्तमान राजनैतिक परिवेश का सटीक प्रस्तुतिकरण । बधाई आ. मनन कुमार जी ।
आभार आपका आदरणीय।
बहुत अच्छे। हमेशा की तरह कुछ अलग पर एकदम सटीक।
हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी। लोक तंत्र की अच्छी धज्जियाँ उड़ा दी आपने। सुंदर लघुकथा।
आभार आदरणीय।
आभार आदरणीय।
//क्षणे रुष्टा, क्षणे तुष्टा //..//अंतर्दृष्टि बचवा,अंतर्दृष्टि,'//... वाह..
माह-ए-अगस्त के अहम मौक़े पर गोष्ठी में देश के हालात पर अहम कटाक्षपूर्ण प्रविष्टि हेतु सादर हार्दिक बधाई जनाब मनन कुमार सिंह साहिब। लेेकिन कथोपकथन शैली की इस रचना को तनिक कसावट के साथ बेहतरीन स्वरूप देने के लिए तनिक और समय देने का निवेदन करना चाहूंगा।
विस्तार से विचार व्यक्त कर प्रेरणा देने हेतु आपका आभार जनाब उस्मानीजी।
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