For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आन बान है घर की बेटी
इसको सदा बचाएंगे
बेटी से घर रोशन होता
मिलकर सभी पढ़ाएंगे ll

मन में लें सौगंध सभी जन
नहीं कोंख में मारेंगे
बेटी को खुद पढ़ा लिखाकर
अपना चमन सुधारेंगे ll

भेदभाव बेटी बेटा में
कभी नहीं होने देंगे
बेटी घर की रौनक होती
इसे नहीं रोने देंगे ll

सभी क्षेत्र में बेटी आगे
अपने बल से जाती है
आसमान को छूती बेटी
घर का मान बढ़ाती है ll

दो दो घर बेटी सँवारती
सारी खुशियाँ देती है
तनमन से वह फर्ज निभाती
पल में गम हर लेती है ll

बेटी का सम्मान बढ़ाएं
होगा ये भारत आगे
तुच्छ विचारों को बदलेंगे
तब सब जाएंगे आगे ll

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 656

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 16, 2018 at 3:02pm

आदरणीय ब्रजेश ब्रज जी उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 16, 2018 at 2:59pm

भाई सुरेन्द्र जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 16, 2018 at 2:58pm

आदरणीया नीलम जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार

Comment by Neelam Upadhyaya on October 13, 2018 at 4:09pm

आदरणीय डॉ छोटेलाल जी, सादर अभिवादन। सन्देश-परक सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by नाथ सोनांचली on October 13, 2018 at 11:06am

आद0 डॉ छोटेलाल भैया सादर अभिवादन। उम्दा सृजन पर कोटिश बधाई निवेदित है। सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 13, 2018 at 7:40am

वाह आदरणीय उत्तम सन्देश पूर्ण रचना..बधाई

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 12, 2018 at 6:47pm

आदरणीय उस्मानी साहब आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सार्थक हुई एक नई ऊर्जा मिली आपका बहुत बहुत आभार

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2018 at 6:42pm

सार्थक अभियानों, नुक्कड़ नाटिकाओं और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों हेतु बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह साहिब।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 12, 2018 at 6:39pm

आदरणीय तेजवीर साहब जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 12, 2018 at 6:37pm

परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन आपके उत्साह वर्धन से मन प्रसन्न हुआ,आपका दिल से आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service