For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 कैदी ! तुझसे कोई  मिलने आया है I’ –जेल के सिपाही ने सूचना दी  I अगले ही पल काले कोट में एक वकील प्रकट हुआ I

‘आपकी पत्नी ने मुझे आपका वकील एपॉइंट किया है I आप मुझे सच-सच बताइए कि आपने मैरिज-कोर्ट में अपने बेटे की हत्या क्यों की ? क्या आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी ?’

     कैदी कुछ नहीं बोला I उसने मुँह फेर लिया I वकील असमंजस में पड़ गया I कुछ देर चुप रहकर वह बोला –‘ देखिये अगर आप ही सहयोग नहीं करेंगे तो मैं आपकी मदद कैसे कर पाऊंगा ?’

‘वकील साहब, आप अपना समय बर्बाद कर रहे हैं i मैंने मैरिज-कोर्ट में सबके सामने उसे गोली मारी है I मुझे तो भगवान भी नहीं बचा सकता I ‘

‘आपकी पत्नी का कहना है कि आपको सायको की बीमारी है और आपको अँधेरे और एकांत से बहुत डर लगता है I ‘

‘लगता था I पर उसका इलाज चल रहा है I अब सायको कंट्रोल में है I’

‘कंट्रोल में है ? यानी पूरी तरह ठीक नहीं है I’

‘मेरी समझ में यह पूरी तरह ठीक होता ही नहीं I जीवन भर दवा लेती रहनी पडती है I’

‘बस यही एक पॉइंट है, जिससे मैं आपको निर्दोष साबित कर सकता हूँ I ‘

‘वह कैसे ?’- बूढ़े कैदी ने विस्मित होकर कहा I

‘वह सब आप मुझ पर छोड़ दीजिये I बस यह सच-सच बताइए कि किन परिस्थितियों में आपने अपने ही बेटे को गोली मार दी I ‘

‘वकील साहब, मेरा बेटा मुहल्ले की एक लडकी पर दीवाना था I पर लडकी की माँ किसी भी सूरत पर दोनों के विवाह के लिए राजी नहीं  थी I जब तक मुझे उस लडकी के बारे में पता नहीं  चला, मैं बेटे के समर्थन में था I पर उस लडकी की कैफियत मालूम होते ही मैं भी उसकी शादी के खिलाफ हो गया I इस बात पर मेरे लडके ने बगावत कर दी और वह उसे लेकर मैरिज-कोर्ट पहुंच गया I मुझे पता चला तो मैं भी भागा-भागा वहाँ पहुँचा I कोई और उपाय न देखकर मैंने उस पर गोली चला दी I ‘

‘मगर आप बेटे को समझा सकते थे कि वह लडकी ठीक नहीं थी ?’

‘क्या बात करते है वकील साहब, उस लडकी की रगों में मेरा ही तो खून था I’

(मौलिक /अप्रकाशित))

Views: 490

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 24, 2018 at 11:28pm

अच्छी रचना हुई है, आदरणीय गोपाल नारायण जी| हार्दिक बधाई आपको| 

Comment by Nita Kasar on December 22, 2018 at 9:39pm

कड़वी सच्चाई ,एक तरफ कुँआ,एकतरफ खाई ।बधाई कथा के लिये आद० डां०गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी ।

Comment by Samar kabeer on December 22, 2018 at 2:01pm

जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 22, 2018 at 12:21pm

एक कसक सी छोड़ गई लघु कथा आदरणीय...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
12 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"वैशाख अप्रैल में आता है उसके बाद ज्येष्ठ या जेठ का महीना जो और भी गर्म होता है  पहले …"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"सहृदय शुक्रिया आ ग़ज़ल और बेहतर करने में योगदान देने के लिए आ कुछ सुधार किये हैं गौर फ़रमाएं- मेरी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई जयनित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service