आदरणीय साहित्य प्रेमियो,
सादर अभिवादन ।
पिछले 106 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-107
विषय - "चाँद और विज्ञान"
आयोजन की अवधि- 13 सितम्बर 2019, दिन शुक्रवार से 14 सितम्बर 2019, दिन शनिवार की समाप्ति तक
(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.
उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --
तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
नज़्म
हाइकू
सॉनेट
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)
अति आवश्यक सूचना :-
रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो पद्य-साहित्य की अलग अलग विधाओं अथवा अलग अलग छंदों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.
रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फॉण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर संकलन आने के बाद संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता अपेक्षित है.
इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो - 13 सितम्बर 2019, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
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महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालक
मिथिलेश वामनकर
(सदस्य कार्यकारिणी टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.
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आदरणीय सुश्री उषा जी , विषय अंतर्गत मनोरम , बहुत सुन्दर प्रस्तुति हुयी , हार्दिक बधाई , सादर।
आदरणीय विजय शंकर सर, आपका हृदय से आभार। आपकी ही प्रेरणा का परिणाम है की मैं अपनी लेखनी पर विश्वास कर पायी। आपकी सकारात्मक टिप्पणी के लिए धन्यवाद। सादर।
आदरणीया उषा जी, अच्छी अतुकांत हुई है, सादर बधाई सह नमन
आदरणीय सतविंद्र कुमार राणा जी, मेरी कविता अच्छी लगी आपको, हर्ष हुआ। धन्यवाद सर। सादर।
आ. ऊषा जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सकारात्मक टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार। सादर।
अतुकांत कविता पर सुंदर प्रयास है, रचना तनिक और गठन चाहती है, कुल मिलाकर प्रदत्त विषय पर खुबसूरत अभिव्यक्ति . बधाई आदरणीया उषा जी .
आदरणीय गणेश जी "बागी" जी, कविता के माध्यम से की अभिव्यक्ति ख़ूबसूरत हुई है, यह जानकार हर्ष हुआ, भविष्य में और अच्छा करने का प्रोत्साहन मिला। मैं अंग्रेज़ी विषय की छात्रा व् प्राध्यापिका हूँ व् अधिकतर समस्त लेखन कार्य आंग्ल भाषा में ही करती आयी हूँ किन्तु अपनी मातृभाषा में भी अच्छा साहित्यिक प्रयास करते रहने को आशावान हूँ। आपके सुझावों से में अपनी अभिव्यक्ति को और खूबसूरत बना सकूँ, यह मेरा सौभाग्य होगा। कृपया मार्गदर्शन करें। मुझे सहर्ष स्वीकार्य होगा, सर। सादर।
चंद्रमा की शान में बयां करती पंक्तियाँ, आदरणीया ऊषा दी बधाई स्वीकार कीजिएगा।
चाँद , विज्ञान के चमत्कार
दूर चाँद को बचपन से हमने
आँगन से अपने देखा है ,
सपनों में उसे आँगन में
उतरते भी देखा है , उसकी
चांदनी को अपने आँगन में
बरसते और बिखरते देखा है ,
आज उसी चाँद पर हमने अपने
एक यान को उतरते देखा है ,
वह विज्ञान का चमत्कार था ,
यह भी विज्ञान का चमत्कार है ........1.
हे चाँद ,
तू कितना निर्मल,
शीतल और शांत है ,
तेरे स्वरूप में कितना
त्याग और बलिदान है ,
जब सूरज कहीं डूब जाता है ,
अँधेरा छन छन के आता है ,
तब सूरज से खुद को मिली
रौशनी को तू धरती के उस
हिस्से पर बिखेर देता है
जब दूसरी ओर सूरज
दिन बन कर चमकता है।........2 .
मौलिक एवं अप्रकाशित
अतुकांत कविता
आदरणीय डॉ साहब बहुत ही बेहतरीन रचना दिली मुबारकबाद कुबूल कीजिए
आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी , रचना को मान देने के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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