आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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aadrniy Dead body ko kaun hospital le ga? ajeeb sa sawal dimag me aata hei katha padh kar
जनाब राजेंद्र कुमार साहिब , यह सत्य घटना सिर्फ मेरे शहर में नहीं हुई है बल्कि न जाने कितने ऐसे पेशेवर हॉस्पिटल वाले अपने देश में हैं जो ऐसा कर रहे हैं , वेंटीलेटर पर मरे हुए इंसान को कई दिन तक इलाज के नाम पर रख कर रूपए कमा रहे हैं , मरीज़ के घर वालों को भी मिलने नहीं देते। ..... हॉस्पिटल वालों का अब यह धंधा बन चूका है। ... शुक्रिया
जनाब पंकज जोशी साहिब ,लघु कथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ,महरबानी
ऐसा बहुत बार होता है, इस ईश्वरीय पेशे को लोगों ने दानवीय बना दिया है| बधाई आपको
जनाब विनय कुमार साहिब ,लघु कथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ,महरबानी
मोहतरमा अर्चना साहिबा ,लघु कथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
प्राइवेट अस्पतालों का सच बयाँ करती कामयाब रचना ,बधाई स्वीकार करें आदरणीय तस्दीक जी
मोहतरमा प्रतिभा साहिबा ,लघु कथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
मोहतरमा नैना आरती साहिबा ,लघु कथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
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