For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-14 (विषय: षडयंत्र)

आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,

सादर नमन।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के 14 वें अंक में आपका स्वागत हैI "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले तेरह आयोजन बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुईI  गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए, जिससे कि यह गोष्ठियाँ एक वर्कशॉप का रूप धारण कर गईं। इन आयोजनों के विषय आसान नहीं थे, किन्तु हमारे रचनाकारों ने बड़ी संख्या में स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा हैI तो साथिओ, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-14
विषय : "षडयंत्र"
अवधि : 30-05-2016 से 31-05-2016 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 30 मई 2016 दिन सोमरवार से 31 मई 2016 दिन मंगलवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  30 मई  दिन सोमवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२. सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 22374

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब, आपकी यह प्रस्तुति तनिक सपाटबयानी का शिकार हो गयी है. कथातत्त्व से इसे सँभाला जा सकता था. शुभकामनाएँ कि आपकी कोशिशें क़ामयाब हों. आपका लेखन लघुकथा के कई विन्दुओं को साधता हुआ साफ़ दिख रहा है. 

शुभ-शुभ

मोहतरम  जनाब सौरभ   साहिब , लघुकथा में गहराई से शिरकत करने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
मेरे लिए यह फील्ड नया है , सीखने की कोशिश कर रहा हूँ ------वक़्त भी कम दे सका , इसकी बारीकियों से अभी ज़्यादा वाक़िफ़ नहीं हूँ ,  आपका मश्वरा सर आँखों पर  ---सादर

मुझे कुछ समझ में नहीं आया, क्या कहना चाह रहे हैं ?

षडयंत्र
-------
 ‘‘ जानते हो? मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने पदोन्नतियों में एससी एसटी के लिये दिये जाने वाले आरक्षण को अवैध निर्णीत किया है , इसलिये 2002 से अब तक जितने लोगों को इस प्रकार के आरक्षण का लाभ मिल गया है उन्हें रिवर्ट किया जायेगा?‘‘
‘‘नहीं ! मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर ली है। आधार यह बताया जा रहा है कि यदि हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया तो एससी एसटी के लोग धर्म परिवर्तन कर लेंगे। वे लोग यह धमकी दे भी रहे हैं।‘‘
 ‘‘परंतु एक बात संमझ में नहीं आती कि हमारी सरकारें इस भूत को क्यों पाले हुए हैं, आखिर जिन्हें सचमुच लाभ मिलना चाहिये उन्हें तो मिलता नहीं है, पिछले  पैंसठ सालों में भी इनकी स्थिति में कोई परिवर्तन दिखाई नहीं दिया।‘‘
‘‘ अरे तुम नहीं समझोगे, यह भूत तो अंगे्रज ही छोड़ गये हैं!! भारत में जाति भेद और वर्गसंघर्ष को बनाये रखने, समाज में विद्रूपता का पोषणकरने और एकता को खंडित करने के लियेे। यह उन्हीं की सोची समझी चाल थी जिसे अब हमारी सरकारें भी अपनी कुर्सी बचाने के लिये अस्त्र की तरह प्रयुक्त करती रहतीं हैं।‘‘
‘‘कैसे?‘‘
‘‘ याद करो, अंग्रेजों ने भारत की इस ‘जाति भेद और ऊंचनीच‘ की आन्तरिक कमजोरी का लाभ उठाकर ऐंसे कानून बनाये जिन्होंने भारत की राजनीति में जहर भर दिया जैसे, उन्होंने हिंदु और मुसलमानों में घृणा भरकर, मुसलमानों के लिये ‘‘मिन्टो मारले सुधार कानून 1919‘‘ बनाया और इस जाति के मतदाताओं की व्यवस्था पृथक ही बना दी। बाद में, इसी वर्ष  ‘‘मान्टेज. केमस्फोर्ड सुधार कानून‘‘ में भी इनके साथ साथ अन्य अल्पसंख्यकों जैसे क्रिश्चियन, सिख और एंग्लो इंडियन्स के लिये भी जोड़  दिया गया। इस प्रकार, जाति की राजनीति और आरक्षण के षडयंत्र का बीजारोपण तो ब्रिटिश शासन में ही किया गया था। इसी का पालन करने की व्यवस्था हमारे संविधान के आर्टीकल 334 में भी बनाये रखी गयी है ‘‘
(मौलिक और अप्रकाशित)

वर्तमान समस्या को वर्णित करती सुन्दर रचना आदरणीय TR शुक्ल जी.

आजकल जो राजनीति के दांव पेंच है, उनका बखूबी प्रस्तुतीकरण किया आदरणीय शुक्ल सर जी! सादर प्रणाम

आदरणीय सुकुल सर । लघुकथा पठन के दौरान ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई समाचार पत्र पढ़ रहा हूं। एक लघुकथा में जिस पैनेपन या कटाक्ष की अपेक्षा रहती है वो इस लघुकथा से लगभग नदारद है। सादर

लघुकथा के लिए बेहतरीन कथानक सूझा है आपको। भारी शब्दों के बजाय जनसामान्य की बोलचाल के शब्दों में छोटे-छोटे संवाद रखकर बेहतरीन पंचपंक्ति पर समाप्त करके बेहतरीन प्रस्तुति हो सकती है। समसामयिक ज्वलंत मुद्दे पर क़लम चलाने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय डॉ. त्रैलोक्य रंजन जी

समसामयिक विषय पर तथ्यात्मक रचना हेतु बधाई आदरणीय ।

वर्तमान राजनीती की बखिया उधेड़ती शानदार कथा के लिए बधाई आ. सुकुल जी
कथा के ज़रिये आज की जवंलंत समस्या की ओर प्रकाश डाला है बधाई आद०टी ०आर० शुक्ल जी ।

 मोहतरम जनाब टी आर शुक्ल   साहिब     ,  प्रदत्य विषय को परिभाषित करती लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं                    

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई सर"
7 hours ago
Admin posted discussions
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"रिश्तों की महत्ता और उनकी मुलामियत पर सुन्दर दोहे प्रस्तुत हुए हैं, आदरणीय सुशील सरना…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत खूब, बहुत खूब ! सार्थक दोहे हुए हैं, जिनका शाब्दिक विन्यास दोहों के…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी, प्रस्तुति पर आने और मेरा उत्साहवर्द्धन करने के लिए आपका आभारी…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय भाई रामबली गुप्ता जी, आपसे दूरभाष के माध्यम से हुई बातचीत से मन बहुत प्रसन्न हुआ था।…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय समर साहेब,  इन कुछेक वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। प्रत्येक शरीर की अपनी सीमाएँ होती…"
22 hours ago
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
yesterday
AMAN SINHA posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
Wednesday
रामबली गुप्ता posted a blog post

कुंडलिया छंद

सामाजिक संदर्भ हों, कुछ हों लोकाचार। लेखन को इनके बिना, मिले नहीं आधार।। मिले नहीं आधार, सत्य के…See More
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service