आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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आदरणीय सीमा जी, सुन्दर कथा. कमला के चार माह के काम के बाद उसकी बेटी ने छः वर्ष तक काम किया. तो ज्यादा सम्बन्ध तो बेटी से हुआ ना कि कमला से. विरासत को अपने बेटी और बहू में बांटने को सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है. सादर.
लघुकथा बहुत ही उम्दा हुई है, इसकी सरलता और सादगी मन को भा गईI विरासत विषय बहुत अच्छी तरह से परिभाषित हुआ है, हार्दिक बधाई स्वीकार करें आ० सीमा सिंह जीI
सहज सुन्दर ढंग से कही गयी सार्थक कथा विरासत को बखूबी परिभाषित करती ..हार्दिक बधाई प्रेषित है सीमा जी
आदरणीया सीमा सिंह जी, आपने विरासत विषय को बिलकुल अलग ही सन्दर्भ में प्रस्तुत किया है. इतने सहज शब्दों में नियति की कथा बांचना सरल नहीं है. किन्तु आप इस कार्य में सफल रही हैं. इस सफल लघुकथा पर हार्दिक बधाई. सादर
हार्दिक धन्यवाद आपका
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