आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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मोहतरमा सीमा साहिबा , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
इनकी विरासत तो यही है काम करना और पेट भरना इस विरासत को बेटी फिर बहू में बांटना दिल छू गया बहुत- बहुत बधाई सीमा जी
बहुत ही बढ़िया रचना कही है आदरणीया सीमा सिंह जी| विषय भी बहुत अच्छा है, विरासत में जिम्मेदारी मिली है| सादर बधाई प्रेषित है इस सृजन हेतु|
हार्दिक बधाई आदरणीय सीमा सिंह जी।आपने विरासत के एक नये समीकरण को खूबसूरती से वर्णन किया।सुंदर लघुकथा।
बहुत ही बेहतरीन और सुंदर रचना विषय पर, बहुत बहुत बधाई आपको
‘रोड़े’
वो पाँच छः बड़े ,खुरदुरे और नुकीले पत्थर थे और उनके बीच में कहीं से लुढ़क कर आ गिरा ये एक छोटा चिकना और गोल पत्थर था I बाकियों के मुकाबले कहीं ज़्यादा जवाँ पर बेहद डरा हुआI
“ क्या हुआ रे ?” एक खुरदुरे पत्थर ने प्रश्न दागा I
“क्या हुआ ii तुम लोगों को डर नहीं लग रहा ?? सामने सड़क पर इतने सारे पत्थर गिरे पड़े हैं I कुछ तो खून से सने भी हैं I इंसान एक दूसरे पर मार रहे हैं हमें “I छोटे गोल पत्थर ने हाँफते हुए कहा I
“हम क्या कर सकते हैं बोल ?इंसान हमें कैसे किस पर फेंकता है या क्या करता है हमारे साथ, उस पर हमारा कोई बस है क्या ? हम तो पत्थर हैं ,रोड़े हैं “I एक ‘नुकीला’ पत्थर बोला I
“पर वो तो इंसान हैं “ गोल पत्थर की आवाज़ काँप रही थी I
“हाँ हैं तो ,पर उनके दिमाग़ पर ‘हम’ पड़े हुए हैं ना i” काले खुरदुरे पत्थर की बात से सारे पत्थर हो हो. कर हँसने लगे I
“आप समझ नहीं रहे हैं I बदनामी तो हमारी है”I गोल पत्थर’ को उन पत्थरों का हँसना अच्छा नहीं लग रहा थाI
“देख” i खुरदुरा पत्थर धीरे धीरे बोलने लगा “ जब ये इंसान ही अपनी विरासत को ऐसे ख़त्म करने पर तुले हैं तो कोई क्या कर सकता है” I
‘’हाँ ,पर तू मत डर I तू तो कितना छोटा और चिकना है I तुझे कोई नहीं उठाएगा फेंका फेंकी करने के लिए” I ‘नुकीले’ ने ‘गोल ’ को हिम्मत दी I
“ये इंसानी बच्चे कितने प्यारे हैं , सच्चे और भोले भी I कभी इतना ही प्यारा था यहाँ सब कुछ”I पास में मिट्टी के घरोंदे बनाते दो बच्चों को देख ‘खुरदुरा’ दार्शनिक होने लगा था I
“ मेरा घर तैयार “ मिट्टी झटकता छोटा बच्चा खडा हो गया “ अपने घर के बाहर ये पत्थर लगाऊँगा I कितना सुन्दर है “I बच्चे ने ‘गोल पत्थर को हाथ में उठा लिया I
सारे बड़े पत्थर ,उस छोटे चिकने गोल पत्थर के लिए खुश हो रहे थे I गोल पत्थर भी बच्चे की कोमल हथेलियाँ महसूस कर रहा था I अचानक दोनों बच्चों में किसी बात को लेकर झगडा हो गया और दोनों लड़ते झगड़ते अपने बनाए घरोंदों के ऊपर जा गिरे I
रोते हुए एक बच्चे ने नीचे गिरे उस गोल पत्थर को उठा लिया और खींच कर दूसरे बच्चे के माथे पर दे मारा I दूसरे ही पल खून में सना वो गोल पत्थर जमीन पर था I
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