आदरणीय साथिओ,
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इस कथा का मनोरथ सफल हो यही कामना है .हार्दिक बधाई .
समाज में सुधारों की पहली कड़ी परिवार है..बहुत अच्छी लघुकथा एक बहुत गंभीर विषय उठाते हुए ...हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी
हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। यह एक गंभीर विचार धारा को दर्शाती सुन्दर रचना है।अधिकांश परिवारों में मतदान जैसा विवेकशील निर्णय भी घर के मुखिया द्वारा निर्धारित किया जाता है।अति उत्तम।
बहुत सुन्दर सामयिक तथा प्रेरणास्पद लघु कथा हुई आद० मोहम्मद आरिफ़ जी बहुत बहुत बधाई .
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