आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
कथा बहुत सुंदर हुई है आदरणीया वसुधा जी पर इसमें अनकहा क्या है ? अन्यथा न लें | अपने आपमें बहुत ही सुंदर कथा हुई है जिसके लिए हार्दिक बधाई आपको |
अच्छी कथा है आ० वसुधा जी! परन्तु अनकहा अच्छी तरह उभर कर नही आ पाया। आयोजन में भागीदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।
आ. वसुधा जी एक सार्थक संदेश प्रेषित करती इस रचना के लिए बधाई स्वीकार करे. नित्य जीवन से उठने वाले प्रश्न आपके रचनाओं की खासियत है साथ ही सकारात्मक संदेश भी देते है. बाकी योगराज भाई जी कि टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण बात कह रही है. मैने भी आपकी रचना पर उनकी टिप्पणी से एक नई बात सीख ली है. आप तो अच्छी कथाकार है उनकी बात जल्द पकड लेंगी. शुभकामनाएँ
आपने बड़ी कुशलता से कथा के अंत तक ये नहीं पता चलने दिया कि देखभाल करने वाले पापा हैं, आंखरी समय में पत्नी बेटी को लेकर ही कुछ कहना चाहती थी जो अनकहा रह गया .....हार्दिक बधाई इस सुन्दर कथा पर आदरणीया वसुधा गाडगिल जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |