For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"चित्र से काव्य तक" अंक ३ प्रतियोगिता १६३३ Reply का नया कीर्तिमान...

साथियों !

सादर अभिवादन !

ओपन बुक्स ऑनलाइन पर श्री अम्बरीष श्रीवास्तव जी के संचालन में आयोजित "चित्र से काव्य तक" अंक ३ प्रतियोगिता बीते रात्रि १२.०० बजे समाप्त कर दिया गया, ओ बी ओ में किसी ५ दिवसीय आयोजन में सर्वाधिक १५२४ Reply का कीर्तिमान "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २ के नाम था, जो "चित्र से काव्य तक" अंक ३ ने उस कीर्तिमान को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान १६३३ Reply का बना दिया है | मुझे लगता है कि किसी भी हिंदी वेबसाइट के इतिहास में ओ बी ओ पहला होगा जिसने सिर्फ पांच दिनों में १६३३ Reply प्राप्त किया है | 

यह सब आप सदस्यों के सहयोग का ही परिणाम है |

 

आप सभी को इस उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई | उम्मीद करते है कि आगामी आयोजनों में आप और बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे और इस कीर्तिमान को भी तोड़ एक नया कीर्तिमान बनायेंगे |

 

धन्यवाद सहित

आपका

एडमिन

ओपन बुक्स ऑनलाइन

Views: 1742

Reply to This

Replies to This Discussion

अम्बरीश श्रीवास्तव जी , आपके मंच संचालन का लोहा मानना ही होगा, इस उपलब्धि में आप का सहयोग अन्य सदस्यों हेतु अनुकरणीय है | आप को भी बहुत बहुत बधाई |
bhaae ambareesh jee aur samast o b o parivaar ko haardik shubhkaamnayen !! aaj sachche arthon men yahee ek site hai jo saahity kee sachchee seva aur usme abhivriddhi ka kary kar rahee hai !! congrats again !!!

अरुण पाण्डेय जी धन्यवाद, आज आप कह रहे है कि साहित्य सेवा में ऐसी कोई साईट नहीं है, मैं चाहता हूँ कि आने वाले दिनों में दुनिया कहे कि ओ बी ओ जैसी दूसरी कोई साईट नहीं है, और इस सपने को पूर्ण करने हेतु मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि बिना आप सबके सहयोग के हम यह सपना पूर्ण नहीं कर सकते | एक चना भाड़ नहीं फोड़ता......

 

आज स्थिति यह है कि एक बड़े साहित्यकार यह कह रहे है कि ओ बी ओ यू० पी० बिहार वालों की साईट है इससे नहीं जुड़ना है, वो कर्म को नहीं देख जन्म को देख रहे है | भाई यू पी , बिहार वाले यदि इस साईट के संस्थापक है तो क्या इस साईट से बदबू आ रही है ? 

 

आज हम लोग जो भी कर रहे है देश के लिए कर रहे है, साहित्य सेवा के लिए कर रहे है |

//... एक बड़े साहित्यकार यह कह रहे है कि ओ बी ओ यू० पी० बिहार वालों की साईट है इससे नहीं जुड़ना है,.. //

ऐसा कहने वाले संभवतः विचारों से क्षुद्र और लाचार हैं. प्रवृति केवल कर्म से ही आसुरी नहीं होती, मानसिक असुरपन अधिक भयावह होता है. किन्तु हमें इस तरह के वैचारिक विकलांगों को न तो अधिक तरजीह देनी है और न  इस तरह के थोथे विचारों पर अधिक हाय-तौबा मचानी है.  उत्तर प्रदेश या बिहार के मानस-पुत्रों का विकास, विशेषकर साहित्य के क्षेत्र में किये गये योगदान की फेहरिश्त भी नहीं बननी या गिनानी.

अपनी चर्चा हो रही है इसका अर्थ है कि हम नज़रों में हैं.

 

अलबत्ता, हम यह देखें कि अपने इस बहुमुखी मंच को और सुगढ़ और उद्येश्यपरक कैसे बनाया जा सकता है. प्रधान संपादक आदरणीय भाई योगराजजी से तमाम विषयों पर होती चर्चा के दौरान इस मंच की बेहतरी के लिये उठाये जा रहे कदमों पर भी बातें होती रहती हैं. इस क्रम में पहला प्रयास यह हो कि पोस्ट की गयी रचनाओं को ही नहीं प्रत्येक प्रविष्टि को --आयोजनों और प्रतियोगिताओं की प्रविष्टियों को छोड़ कर या बन पड़े तो उन्हें भी--  प्रुफ और व्याकरण की कसौटी पर कसा जाये. साहित्य के क्षेत्र की नेट-पत्रिका में व्याकरण सम्बन्धी या प्रुफ सम्बन्धी दोष का होना खटकता भी है, पत्रिका के स्तर पर सवाल उठानेवालों को एक सुलभ साधन भी सौंप देता है. इस तरह की प्रक्रिया से लेखक/रचनाकार भी समृद्ध होंगे और मंच का रूप भी निखरेगा.

दूसरे, कतिपय रचनाओं की सखेद वापसी  बुरी होगी क्या? एक स्तर से हट कर आयी रचनाओं को सखेद वापस किये जाने की प्रक्रिया अपनायी जाये, ताकि लेखक या रचनाकार उस रचना का उपयोग अन्यत्र कर सके. इस स्थान पर अभी इतना ही.  हम इस पर आपस में गंभीर चर्चा भी कर सकते हैं.

धन्यवाद.

आदरणीय सौरभ जी आप की बात बिलकुल सही है|
व्याकरण की दृष्टि से भी रचनाओं ko खरा उतरना होगा|

अनुमोदन हेतु भाईजी धन्यवाद.

उपरोक्त अभिव्यक्ति मेरा मत है जिसे बहु-आयामी विचारों के प्रिज्म से गुजर कर सर्वमान्य बनना होगा. संपादक मण्डल को सारे तथ्यों को दृष्टिगत रख कर ही कोई निर्णय लेना होता है. 

वो आदमी जरुर संकीर्ण मानसिकता का शिकार है जो आदमी ऐसा कह रहा है की ये साईट  up बिहार वालो की है|
कितने दुःख की बात है ... मैं क्या कहूं ... बस अफ़सोस होता है मुझे ऐसी ज़हनियत रखने वालों पर ... क्या उनको नहीं पता के सच्चे अर्थों मैं U .P. और बिहार में ही आज हिंदी साहित्य की पूजा हो रही है.... ईश्वर ऐसे साहित्यकारों को सदबुद्धि  दे .. और भारतीय बनाये ..

आपका सुझाव समीचीन और अनुकरणीय है शारदाजी.  सही है, दुरस्थ लोग मिलजुल कर महती भाव से वृहद कार्य कर सम्पन्न लेते हैं. 

किन्तु मुख्य बात, मुझे आपकी प्रतिक्रिया का संदर्भ स्पष्ट नहीं हो पाया है. कृपया इंगित और कथ्य स्पष्ट कर कृतार्थ करेंगी.

शारदा जी..आपको और आपके शब्दों को मेरा सलाम, भारतीयता ही हमारी पहचान होनी चाहिए  .. जय हिंद
aapne bilkul sahi kaha monga ji

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service