आदरणीय साथिओ,
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हार्दिक आभार आदरणीया बबिता जी। बहुत-बहुत शुक्रिया। सादर।
आपकी लघुकथा अपने आप में एक अलग बात लिए होती है अलग दृष्टिकोण से आप रु-ब-रु करवाते हो| फंतासी की रचना वह भी सहज और इतनी रोचक बना देते हो| बहुत बढ़िया शिल्प, और परिकल्पना भी शानदार है| हार्दिक बधाई आपको इस लघुकथा के लिए|
बस एक जगह मुझे संदेह हो रहा है, //पाइथागोरस ने मन ही मन सोचा और अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए चल दिया/// सोची हुई बात का पता कैसे चला? यहाँ लेखक का प्रवेश प्रतीत हो रहा है|
पर ओवरआल बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है| सादर
उसके पूर्व के संवादों को पढ़ें आपको सहज ही उत्तर मिल जाएगा। रचना पर आपकी उपस्थित और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदय से आभार। सादर।
लघुकथा : चेतना
आदाब। व्यावहारिकता, सतर्कता, सक्रियता और संवेदनाओं की चेतना पर बहुत बढ़िया रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया अनीता शर्मा साहिबा।
रिश्तें में गर्मजोशी भरी चेतना बनी रहनी चाहिये ।संदेशप्रद कथा के लिये बधाई आद०अनीता शर्मा जी ।
आदरणीया अनीता जी, प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा कही है आपने जिस हेतु मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई प्रेषित है. पर मुझे लगता है कि आपने प्रदत्त विषय, "चेतना" को कुछ ज़्यादा ही सीरियसली (शाब्दिक रूप में) ले लिया तभी आपने इसका इतनी जगह प्रयोग कर दिया :
1. // माथुर साहब की बेटी चेतना //
2. //श्रीमती गुप्ता को चेतना आ गई//
3. //कोमा में पड़े रिस्तों में भी चेतना लौट आई //
4. शीर्षक : चेतना
ये कोई दोष नहीं है, पर मुझे लगता है इससे बचना चाहिए. कुछ टंकण त्रुटियाँ हैं उन्हें भी देख लीजिएगा जैसे : पड़ौसी = पड़ोसी, समान = सामान, चेतने = चेतना, बेहोस = बेहोश, रिस्तों = रिश्तों
सादर.
चेतना कभी भी लौट सकती है। वह तो प्रतीक्षा में रहती है सही वक़्त के। और ये भी तय है कि सही वक़्त पर चेतना जागृत न हुई तब वह बर्बादी का कारण भी बनती है। दो पड़ोसियों के मध्य सामंजस्य स्थापित करना में चेतना अहम् भूमिका निभाती है। बहुत बहुत बधाई।
चेतना अगर भाव से भी प्रकट हो तो कोई दिक्कत नहीं है, आपने कई बार अनावश्यक तरीके से इसका प्रयोग किया है, ऐसा प्रतीत होता है जिससे बचा जा सकता था. बहरहाल इस रचना के लिए शुभकामनायें आ अनीता शर्मा जी
अनीता जी, बहुत ही उम्दा लघुकथा के लिए बधाई हो
पड़ोसियों का जीवन में महत्वता क्या हैं,दर्शाती बेहतरीन रचना। बधाई,आदरणीया अनीता दी.
अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीया अनीता जी| सुधिजनो की बातों पर संज्ञान लीजियेगा| सादर|
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