For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 45 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-46

विषय - "संकल्प" 

आयोजन की अवधि- 8 अगस्त 2014, दिन शुक्रवार से 9 अगस्त 2014, शनिवार की समाप्ति तक  (यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)


बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक ही दे सकेंगे, ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में दो. 
  •  रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • आयोजन के दौरान संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य नहीं होगा। अत: सदस्यगण  आयोजन की रचनाओं का संकलन आ जाने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें.



आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  8 अगस्त 2014, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तोwww.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 10374

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय सत्य नारायण सिंह जी ,
आपको यह रचना भी पसंद आयी , अच्छा लगा , आपकी हार्दिक बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .

आदरणीय डॉ० विजय शंकर जी 

सुन्दर संकल्प हैं... पर इन्हें काव्यरूप में सरसता से ढालने के लिए कुछ और समय अवश्य ही अपेक्षित था 

प्रस्तुति पर बधाई 

आदरणीय विजय शंकर भाई , विषयानुरूप रचना के लिये आपको बधाइयाँ ।

दोहा--

संकल्प सागर जल है, संकल्प आसमान।

जीते जी ना छोडिये, संकल्प है महान ।।

......................................................

मौलिक व अप्रकाशित 

आदरणीय सूबे सिंह सुजान साहब सादर, महा उत्सव में सहभागिता के लिए बधाई. सादर.

आ० सूबे सिंह सुजान जी 

संकल्प ही महत्ता पर रचित इस एक दोहे के लिए शुभकामनाएं... पदों में कल निर्वहन के नियम का पालन करने से गेयता निर्बाध रहती है... आप छंद विधान समूह में नियमों का एक बार अवश्य ही अवलोकन कर लें 

शुभकामनाएं 

विषय – संकल्प // (छंद –दोहा )

साधन, क्षमता व्यर्थ सब, व्यर्थ सर्व संकल्प
सिद्ध मनोरथ हो नहीं श्रम की मात्रा स्वल्प

सीमित साधन है तदपि, दृढ जिसका संकल्प
क्षमता श्रम यदि साथ है होगा कायाकल्प

करना कुछ महनीय यदि , करो प्रथम संकल्प
कठिन साधना से नहीं कोई प्रखर विकल्प

सेतु-बंध फिर उदधि पर, भण्ड, गल्प है जल्प
अकरणीय संभव हुआ, राघव का संकल्प

देवनदी भूलोक पर ! मान गये मति अल्प
स्वप्न सफल यह भी हुआ भागीरथ संकल्प

चाँद बिछौना हो गया, सजा सेज पर तल्प
खाट बिछेगी अब कहाँ मंगल का संकल्प

(मौलिक व् अप्रकाशित)

चाँद बिछौना हो गया, सजा सेज पर तल्प
खाट बिछेगी अब कहाँ मंगल का संकल्प.......................वाह ! बहुत खूब !

आदरणीय डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव साहब सुन्दर दोहे रचे हैं. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें.

 

अशोक जी

सादर अभिनन्दन i आपका आभारी हूँ i

आदरणीय गोपाल नरायन जी ,
बहुत ही उच्च स्तरीय ,सारगर्भित रचना , ग्रह , ब्रम्हाण्ड , की बात करती , संकल्प वह भी भागीरथी अनमोल रचना . जब भागीरथी संकल्प पूर्ण होते हैं तो कौन से संकल्प पूर्ण नहीं हो सकते हैं . बहुत ही आशान्वित करते हुए दोहे हैं . बधाई .

आदरणीय विजय जी

आपका ह्रदय से आभारी हूँ i

आदरणीय गोपालनारायनजी, आपने संकल्प का अनन्य पूरक श्रम की महत्ता को भलीभाँति रेखांकित किया है.

 

साधन, क्षमता व्यर्थ सब, व्यर्थ सर्व संकल्प

सिद्ध मनोरथ हो नहीं श्रम की मात्रा स्वल्प

सही बात ! संकल्पवत जीवन के हताश होने का मुख्य कारण ही है कि तदनुरूप विन्दुवत सदिश श्रम नहीं होता. बहुत अच्छा दोहा हुआ है आदरणीय.

सीमित साधन है तदपि, दृढ जिसका संकल्प
क्षमता श्रम यदि साथ है होगा कायाकल्प

बहुत सार्थक दोहा हुआ है आदरणीय..

करना कुछ महनीय यदि , करो प्रथम संकल्प
कठिन साधना से नहीं कोई प्रखर विकल्प

कठिन साधना से नहीं कोई प्रखर विकल्प .. सौ बात की एक बात यही है.

सेतु-बंध फिर उदधि पर, भण्ड, गल्प है जल्प
अकरणीय संभव हुआ, राघव का संकल्प

तथ्य बहुत गंभीर है, भले कहें कुछ गल्प

किन्तु प्रतीकों में यहाँ, उद्धृत है संकल्प  

 
देवनदी भूलोक पर ! मान गये मति अल्प
स्वप्न सफल यह भी हुआ भागीरथ संकल्प

जिसका मन है विन्दुवत, होता नहीं उदास

’गंगा’ जैसी चाहना, फलीभूत, हर यास  

 
इन दोहों के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें.

सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"मेरे कहे को मान देने के लिए आपका आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आशा है अवश्य ही शीर्षक पर विचार करेंगे आदरणीय उस्मानी जी।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"गुत्थी आदरणीय मनन जी ही खोल पाएंगे।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"धन्यवाद आदरणीय उस्मानी जी, अवश्य प्रयास करूंगा।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"नमस्कार। प्रदत्त विषय पर एक महत्वपूर्ण समसामयिक आम अनुभव को बढ़िया लघुकथा के माध्यम से साझा करने…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीया प्रतिभा जी आपने रचना के मूल भाव को खूब पकड़ा है। हार्दिक बधाई। फिर भी आदरणीय मनन जी से…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"घर-आंगन रमा की यादें एक बार फिर जाग गई। कल राहुल का टिफिन बनाकर उसे कॉलेज के लिए भेजते हुए रमा को…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदाब। रचना पटल पर आपकी उपस्थिति, अनुमोदन और सुझाव हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service