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बहुत खूब प्रतिउत्तर बबिता जी...बधाई शीर्षक को सार्थक करती कथा के लिए...
आदरणीया बबिता जी प्रदत्त विषय के अनुरूप बहुत सधे ढंग से देशप्रेम का मर्म शाब्दिक हुआ है इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आपको
हार्दिक बधाई बबिता जी!अच्छी लघुकथा हुई है!बहुत अच्छा संदेश देती हुई!
किसने कहा है कि प्रश्नों का उत्तर शाब्दिक ही होता है ? एक मौन और तदनुरूप क्रिया लाखों शब्दों पर भारी पड़ती है और आने वाली पीढ़ियाँ याद रखती हैं. आपकी इस लघुकथा के बरअक्स यह कह पा रहा हूँ, आदरणीया बबिताजी.
हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ
वाह क्या खूब प्रत्युत्तर है, सधा हुआ और सीधा निशाना| देश के जवानों को सलामी देती हुई इस रचना हेतु बधाई स्वीकार करें आदरणीया बबिता जी |
बहुत सुन्दर साहस व देशभक्ति का परिचय दिया फौजी ने। अच्छी कथा बधाई प्रिय बबिता जी
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