For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-39 (Now closed)

परम आत्मीय स्वजन,

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के 39 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | मुशायरे के नियमों में कई परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें | इस बार का तरही मिसरा, मेरे पसंदीदा शायर मरहूम जनाब क़तील शिफाई की एक ग़ज़ल से लिया गया है, पेश है मिसरा-ए-तरह...

 "तुम्हारा नाम भी आएगा मेरे नाम से पहले"

तु/१/म्हा/२/रा/२/ना/२  म/१/भी/२/आ/२/ये/२   गा/१/में/२/रे/२/ना/२   म/१/से/२/पह/२/ले/२

१२२२  १२२२ १२२२ १२२२ 

मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन

(बह्र: हज़ज़ मुसम्मन सालिम )

रदीफ़ :- से पहले 
काफिया :-  आम (नाम, काम, शाम, जाम, कोहराम, आदि)
 

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 28 सितम्बर दिन शनिवार लगते ही हो जाएगी और दिनांक 29 सितम्बर दिन रविवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

नियम एवं शर्तें:-

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |
  • एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |
  • तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |
  • शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |
  • ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक  अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल  आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें
  • नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |
  • ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी । 

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन से पूर्व किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | ग़ज़लों में संशोधन संकलन आने के बाद भी संभव है | सदस्य गण ध्यान रखें कि संशोधन एक सुविधा की तरह है न कि उनका अधिकार ।

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  28 सितम्बर दिन शनिवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.


मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह 
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम 

Views: 22585

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

वाह्ह्ह्हह ....बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है जनाब... मतले में वीनस जी का बदलाव मतले को चार चाँद लगा गया...

लुटी इंसानियत इस दह्रे-इंसां में कहीं फँसकर
कराहें और आहें हैं यहाँ हर गाम से पहले ...... बेहतरीन...

और गिरह भी बहुत खूबसूरत लगाई आपने.. बहुत सी दिली दाद ओ मुबारकबाद , एक शानदार ग़ज़ल के लिए, शकूर साहिब ..

चलो छत्तीसगढ़ से एक तारा और उभरा है

तुम्हारा नाम अब आये अरुण के नाम से पहले......................

वाह वाह भाई शिज्जू शकूर जी, बेहद कामयाब ग़ज़ल कही है, मतला सुन्दर गिरह कासी हुयी और दीगर अश'आर भी साढ़े हुए है. दिली बधाई पेश करता हूँ, स्वीकार करें बंधुवर.

 

इजाजत  तो  जरा  ले  लूँ छलकते जाम से पहले
नहीं  की  मयकशी  मैंने , सुहानी  शाम से पहले ||

अगर बिखरी दिखें जुल्फें परेशां तुम समझती हो
जरा मैं  बाल कटवा लूँ  किसी हज्जाम से पहले ||

जो तुमसे रूबरू मिलना हुआ तो जिस्म यूँ काँपा
हुई ऐसी ही  हालत  थी , कभी एक्जाम से पहले ||

तुम्हारे  बाप ने  पीटा  लिये  मरहम  चली आई
असर  होगा  न  होगा  पूछ   झंडू-बाम से पहले ||

हटो जाओ भरी इस भीड़ में मत नाम पूछो तुम
तुम्हारा  नाम  भी  आयेगा  मेरे  नाम से पहले ||

(मौलिक तथा अप्रकाशित)

इजाजत  तो  जरा  ले  लूँ छलकते जाम से पहले
नहीं  की  मयकशी  मैंने , सुहानी  शाम से पहले || वाह !!! बहुत खूब !!! अरुण जी !

आदरणीय राज लाली जी, उत्साहवर्द्धन के लिये आभार..............

हटो जाओ भरी इस भीड़ में मत नाम पूछो तुम
तुम्हारा  नाम  भी  आयेगा  मेरे  नाम से पहले || .......... गिरह ने तो लूट लिया हुज़ूर ... ग़ज़ल के क्या कहने

हमें इससे जियादा और अब क्या चाहिये यारों

मिलें वीनस की तारीफें सदा ईनाम से पहले

आभार आदरणीय वीनस जी.....................

आदरणीय अरुण भाई , अच्छी गज़ल कही भाई , बहुत बधाई !!

आदरणीय गिरिराज जी, हौसला आफजाई का शुक्रिया.................

आदरणीय अरुण जी 

गिरह का शेर विशिष्ट है| पसंद आया| बधाई हो|

आदरणीय राणा जी गिरह का शेर पसंद आया, बस कहना सार्थक हुआ.............

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें। कुछ…"
2 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीया रचना जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
14 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका, जी बेहतर है सुधार करती हूं सादर"
15 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय कबीर सर जी नमस्कार बहुत ख़ुशी हुई आपको मंच पे देख कर ईश्वर से आपकी अच्छी सेहत के लिए हमेशा…"
16 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
18 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
18 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका बारीकियाँ समझाने और बहुमूल्य इस्लाह के लिए वाकई ग़ज़ल निखर…"
19 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//हर शख़्स को मिली हैं यहाँ अपनी इक नज़र// इस मिसरे में शुतरगुरबा दोष है... "मिली हैं" -…"
30 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"हालात वो नहीं हैं कि निकले भी घर से हम। आते दिखे जो यार तो निकले इधर से हम। कितना भी दिल कहे यही…"
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"मजाहिया शेर में तो उम्र को 'उमर' रहने दीजिए। फिर बाली उमर, उमरिया जैसे देशज शब्द बुरा मान…"
49 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//इस शब्द में मात्रा पतन नहीं है बल्कि लुग़त के हिसाब से इसे 2 और 21 दोनों तरह लिया जा सकता है।// इस…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//मेरा दिल जानता है मैंने कितनी मुश्किलों से इस आयोजन में सक्रियता बनाई है।// जी बेशक - हम सब आपकी…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service