Tags:
Replies are closed for this discussion.
वन्दे मातरम दिगम्बर भाई जी,
पूरी की पूरी गजल ही काबिले तारीफ़ है,किसी विशेष शेर पर कुछ अलग से कहना बहुत मुश्किल है
शुक्रिया राकेश जी ...
तेरी सादगी गुनगुनाती है हर सू
मुहब्बत मुहब्बत हमारी मुहब्बत
सुभानअल्लाह...
इस सादगी पर कौन न मर जाये ऐ खुदा... लाजवाब...
खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत
जमीं पे है किसने उतारी मुहब्बत,
भाई साहब जिसकी दस्तकारी है वही उतारी भी होगी हा हा हा हा हा हा , हसी कर रहा हूँ ,
सुन्दर और बेहतरीन ख्यालातों से सजी अच्छी ग़ज़ल , बहुत बढ़िया प्रस्तुति , बधाई |
आज कर रही नयी तैयारी मुहब्बत
होगी फिर से कुंवारी मुहब्बत |1|
कैद न कर सकेगा अब इसे कोई
बनेगी खुद चारदीवारी मुहब्बत |2|
क्यों कहते हो इसे मामला दिल का
मुझको तो लगती होशियारी मोहब्बत |3|
अकेले न बन पाता ये किस्सा मुहब्बत का
कुछ थी तुम्हारी कुछ हमारी मुहब्बत |4|
जो सिर्फ झुकते खुदी के आगे
लगती उन्हें खुद्दारी मुहब्बत |5|
लगी जिसे आदत मांगने की
उसको है बेकारी मुहब्बत |6|
जीत जाती ये लगाकर दांव जिंदगी का
है सबसे बड़ी जुआरी मुहब्बत |7|
हर जर्रे तक है पहुँच इसकी
पर नज़र के आगे हारी मुहब्बत |8|
खुद के बस की बात नहीं ये
खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत |9|
जीत जाती ये लगाकर दांव जिंदगी का
है सबसे बड़ी जुआरी मुहब्बत ..
वाह भास्कर जी ... बहुत नायाब शेर निकाल कर लाये हैं आप ... अलग से ... सचाई बयान करते ....
धन्यवाद दिगंबर जी..
ये शेर मुझे भी बहुत पसंद है
धन्यवाद नवीन जी..
वो फोरम मैं पढ़ चुका हूँ
ओर में कोशिश करूँगा के उसमें बताई जानकारियों के आधार पे ग़ज़ल लिखूं..
आगे भगवान मलिक है..
बहुत ही सुंदर भाव, भाव सही होने ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, शिल्प तो वक्त के साथ आ जाता है। बधाई
आप सही कह रहे हैं धर्मेन्द्र जी...धन्यवाद
वन्दे मातरम भास्कर भाई जी,
बहुत सुंदर कुछ अलग सी.........
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |