Tags:
Replies are closed for this discussion.
बरफ़ के बने लोग मिलने लगे तो
नहीं रह गई और उठने की हसरत
vah bahut khub
धन्यवाद चतुर्वेदी जी।
नहीं हाथियों पर जो रक्खोगे अंकुश
चमन नष्ट होगा मरेगा महावत ।९।
न जाने वो बुत थे या थे अंधे बहरे
मरा न्याय जब भी भरी थी अदालत ।१०।
sam samyik parivesh par sateek abhivyakti. badhaee.
आचार्य जी को शे’र पसंद आ गए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। धन्यवाद
लगे कोयले सा खदानों में हीरा
बना देती है नीच नीचों की सोहबत ।२।
लिखा दूसरों का जो पढ़ते हैं भाषण
वही लिख रहे हैं गरीबों की किस्मत ।४।
नहीं हाथियों पर जो रक्खोगे अंकुश
चमन नष्ट होगा मरेगा महावत ।९।
WAH ! धर्मेन्द्र Ji Ek se Badhkar ek.
बहुत बहुत धन्यवाद शेखर भाई
वाह धर्मेन्द्र भैया कमाल के खयालात
हर शेर उम्दा कारीगरी है. किसी एक को कोट करना बाकियों के साथ नाईंसाफ़ी होगी।
संपादक जी ने १२ वें शेर की तरफ़ इंगित किया है, इस दोष को ऐब-ए-जम कहते है।
अब क्या कहूँ तारीफ़ वो भी गुलाबी। धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद
गुलों की घनी लाल क्यारी मुहब्बत
खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत/
खूबसूरत मतला है शेष धर जी. हार्दिक बधाई.
क्या बात है मोहोब्बत को रदीफ़ और आरी को काफ़िया बनाकर वाकई दिल चीर कर रख दिया आपने।
वो सीमा पे सैनिक खड़े तान सीना
लहू माँग में जिनका धारी मुहब्बत |12|
जवानो क़े अपने ही परिवार वाले
रहे पाल कितनी कुंवारी मुहब्बत |14|
गजब के शे’र हैं। बहुत बहुत बधाई
बहुत बढ़िया शेष जी आपके तजुर्बे की दाद देता हूँ और खुशबयानी की भी !!!
मुहब्बत क़े पहलू अभी और भी हैं
कहाँ हमने देखी संवारी मुहब्बत
शेष धर जी ... खूबसूरत मतला और मुहब्बत से छलकती ग़ज़ल .... प्यार की खुशबू आ रही है हर शेर से .... नमन है आपकी कलम को ...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |