For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

शिशु गीत

शिशु गीत बन्दर मामा बन्दर मामा पेड़ पे बैठे, खाते मटर के दाने, छिलका छिलका खाते जाते, नीचे गिरते दाने। नीचे बैठी थी गौरैया, मन ही मन मुसकाती…

Started by Abha saxena Doonwi

3 Sep 20, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

गणपति बाप्पा मोर्या

गणपति बाप्पा मौर्या गज मुख है जिनका लम्बे कान लम्बी सूंड लम्बोदर नाम शंकर पार्वती के पुत्र मूषक राज वाहन जिनका लड्डू भोग जिनको है भाता गणप…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Sep 2, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

राखी एक बनाऊँ मैं

राखी एक बनाऊँ मैं ------------------ सामान कहाँ से लाऊँ मैं तब राखी एक बनाऊँ मैं इक धागा हो प्यारा-प्यारा जो जग में हो सबसे न्यारा फिर ले…

Started by सतविन्द्र कुमार राणा

0 Jul 25, 2016

बाढ के समय

हम सब चले घूमने शाम को पहुंवे नदी के पास देखा पानी भरा हुआ था आस पास चहुूंपास देखकर पानी को मेरा मुन्ना गया डर हम चाहे स्नान करने को वह ख…

Started by indravidyavachaspatitiwari

0 Jul 13, 2016

बारिश-मस्ती (बाल कविता)/सतविंदर कुमार

गरमी ने है ख़ूब रुलाया आठों पहर पसीना छाया बरखा देवी मन को भाती पानी की भी याद दिलाती। हम पानी को तरस रहे हैं गड़-गड़-गड़-गड़ गरज रहे हैं…

Started by सतविन्द्र कुमार राणा

2 Jul 1, 2016
Reply by सतविन्द्र कुमार राणा

चिड़िया रानी/सतविंदर कुमार

चिड़िया रानी चिड़िया रानी,हमको ख़ूब सुहाती हो निकल सवेरे खुले गगन में,उड़ती-उड़ती जाती हो। चहक-चहक कर जब बोलो तो,हम को भी तुम भाती हो उछल-क…

Started by सतविन्द्र कुमार राणा

4 Jun 19, 2016
Reply by सतविन्द्र कुमार राणा

गीत : ज़मीं भी चले, आस्मान भी चले-जहां मैं चलूँ, हिंदुस्तान भी चले

ज़मीं भी चले, आस्मान भी चले। जहां मैं चलूँ, हिंदुस्तान भी चले॥   ये वादियाँ हिमालय की औ बांसुरी की धुन, खनकती फिज़ाओं में धीमे-धीमे सुन. थामे…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 11, 2016

ये वतन हमारा है : आंखों का तारा है.

ये वतन हमारा है, आंखों का तारा है. आहुतियों से लाखों इसे हमने संवारा है. काश्मीर अपना, ज़न्नत पर भारी है, किरणों पर सूरज की, अरुणाचल की सवा…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 11, 2016

ना ही भारत, ना ही इंडिया : यह ना ही हिंदुस्तान है.

ना ही भारत, ना ही इंडिया, यह ना ही हिंदुस्तान है. अहले-आलम की तहजीबों का, यह पाक-मुक़द्दस स्थान है. उड़ें परिंदे, नील गगन में, दरिया बहे रवा…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 11, 2016

यह मेरा छोटा मिट्ठू है : सच-मुच बहुत निखट्टू है

यह मेरा छोटा मिट्ठू है। सच-मुच बहुत निखट्टू है॥ नक़ल उतारता मेरी हरदम, फल-सब्जी खाता यम-यम। पंख फैला कर आड़े-तिरछे दिन भर नाचता है छम-छम॥…

Started by SudhenduOjha

2 Jun 10, 2016
Reply by SudhenduOjha

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service